अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद से जहां अडानी के शेयरों में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है तो दूसरी तरफ संसद के बजट सत्र में चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भाजपा की मोदी सरकार को घेर रखा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि, हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए। साथ ही याचिका में कहा गया कि, कोर्ट इसके लिए केंद्र सरकार को एक समिति गठित करने का निर्देश दे। इस याचिका की सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। और शुक्रवार 10 फरवरी को इस याचिका पर सुनवाई करेगा। और कुछ दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ सुनेगी याचिका
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष गुरुवार को याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। इस बेंच में जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।
आग्रह को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विशाल तिवारी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि, इस मुद्दे पर दायर एक अलग याचिका को 10 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है। उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि अलग याचिका के साथ उनकी याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई की जाए। उन्होंने कहाकि, यह याचिका हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से संबंधित है। जिसने देश की छवि को धूमिल किया है और नुकसान पहुंचाया है।
500 करोड़ से अधिक लोन के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी की मांग पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ठीक है… इसे टैग करें। PIL में विशाल तिवारी ने मांग की है कि, बड़े कॉरपोरेट्स को दिए गए 500 करोड़ रुपए से अधिक के लोन की मंजूरी के लिए एक विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए जाएं।