नई दिल्ली: बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों को संसद के अंदर जाने से रोक दिया गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी के अन्य सांसदों ने सेंट्रल हॉल के सामने धरना शुरू कर दिया और किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमें संसद में घुसने से रोका जा सकता है, मगर किसानों की आवाज उठाने से नहीं।

संसद के सामने धरने पर बैठे आप सांसद ने लगाए आरोप
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र की शुरुआत होनी थी। आम आदमी पार्टी के सांसदों ने किसान आंदोलन के समर्थन में इसके बहिष्कार की घोषणा की थी, मगर संसद में प्रवेश से पहले ही उन्हें रोक दिया गया। इस पर आम आदमी पार्टी के सांसद आक्रोशित हो उठे। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि तीनों काले कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसे हैं। डेथ वारंट में संशोधन नहीं होता, उसको वापस लिया जाता है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार किसानों को गद्दार, देशद्रोही, आतंकवादी और दोयम दर्जे का नागरिक समझती है। चार पूंजीपति मित्रों की खातिर मोदी सरकार ने किसानों की अस्मिता को गिरवी रख दिया है। केंद्र सरकार तत्काल तीनों काले कानून वापस ले। आम आदमी पार्टी का हर सांसद, कार्यकर्ता इन काले कानूनों की वापसी तक किसानों की आवाज बुलंद करता रहेगा।
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संजय सिंह ने कहा कि किसान नेता भाई राकेश टिकैत को रोना पड़ा, उन्हें जहर खाने की बात बोलनी पड़ी, ये जुर्म की इंतहा है। आम आदमी पार्टी पूरी तरह राकेश टिकैत और किसान आंदोलन के साथ है। किसानों के साथ हिंसा हुई तो बहुत बड़ा आंदोलन होगा हम सब भी अपनी गिरफ्तारी देंगे।
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