धनुष बाण लिए हुए पांच साल के बच्चे के रूप में मूल गर्भगृह में रामलला की नई प्रतिमा होगी स्थापित

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर के मूल गर्भगृह में रामलला की नई प्रतिमा जल्‍द स्थापित की जाएगी.

बीते मंगलवार देर शाम संपन्न हुई ट्रस्ट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. रामलला की नई मूर्ति को लेकर विचारविमर्श करने के लिए अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक सोमवार से आयोजित हुई थी. ट्रस्ट के सदस्य, उडुप्पी के संत स्वामी तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने बुधवार को बताया कि भगवान राम की नई प्रतिमा पांच फुट ऊंची होगी. खड़ी मुद्रा वाली यह प्रतिमा धनुष बाण लिए हुए पांच साल के बच्चे के रूप में होगी.

प्रसन्नाचार्य ने कहा कि मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज, अयोध्या में कर्नाटक के करकर गांव और हेगे देवेन कोटे गांव से लाई गई कृष्ण शिलाओं को तराशेंगे. योगीराज तय करेंगे कि वह किस पत्थर पर मूर्ति बनाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमें शीर्ष संतों और हिंदू विद्वानों से सुझाव मिले हैं कि राम लला की प्रतिमा उनके बाल्यकाल की, करीब 5-6 साल के बच्चे की तरह होनी चाहिए. विचार यह है कि केवल एक, खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा बनाई जानी चाहिए.

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राय ने कहा कि शीर्ष संतों, भूवैज्ञानिकों, मूर्तिकारों, हिंदू धार्मिक ग्रंथों के विशेषज्ञों, इंजीनियरों और मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के एक उच्च स्तरीय दल ने चट्टानों पर गहन तकनीकी और धार्मिक अध्ययन किया है. अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमिपूजन किया गया था.