उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब लखनऊ में अपना अंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र बनाएगी। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अंबेडकर स्मारक की बुनियाद रखी, लेकिन BSP अध्यक्ष मायावती ने फौरन ही ट्वीट कर कहा कि चुनाव के मौके पर यह BJP की नाटकबाजी है। बेहतर होता कि राष्ट्रपति आज इसका शिलान्यास नहीं बल्कि उद्घाटन करते। योगी सरकार ने जिस अम्बेडकर स्मारक का शिलान्यास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करवाया है, वह लखनऊ के ऐशबाग इलाके में बनेगा। इस स्मारक में डॉ आंबेडकर की 25 फ़ीट की मूर्ति लगेगी और उनकी अस्थियां भी दर्शन के लिए रखी जाएंगी। इसमें 750 लोगों के लिए ऑडिटोरियम,लाइब्रेरी,म्यूजियम और रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा।
इसके उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर का भी बुद्ध धर्म की ‘”भवतु सब्ब मंगलम ” में विश्वास था,जिसे अब राजनीतिक दल “सबका साथ-सबका विश्वास” का नारा दे रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर डॉ आंबेडकर की याद में मोदी सरकार के किये गए कामों को याद किया। चूंकि अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनाव हैं इसलिए इसे BJP की दलितों में घुसपैठ की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में क़रीब 21 फीसदी दलित वोट है। इसका एक बड़ा हिसा अभी तक मायावती को जाता रहा है। चुनाव में उनको चाहे जितनी सीटें मिलें लेकिन उनका वोट प्रतिशत बहुत कम नहीं होता। 2014 में मोदी की आमद के साथ ही BJP ने दलितों के घर जाटव वोटों में सेंध लगाने की कोशिश शुरू की है और पार्टी को उसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं। साल 2017 के विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 86 आरक्षित सीटों में से बीजेपी 68 सीट जीत गयी जबकि मायावती को सिर्फ 2 सीटें मिली थी।
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मोदी सरकार ने मार्च 2016 में डॉ आंबेडकर से जुड़ी पांच जगहों को “पंच तीर्थ” के नाम से विकसित करने का एलान किया था। इसमें मउ में अंबेडकर का जन्मस्थान, लंदन में अम्बेडकर का घर जहां रह कर पढ़ाई की, नागपुर में अंबेडकर की दीक्षा भूमि, मुम्बई में चैतन्य भूमि और दिल्ली में उनका महापरिनिर्वाण स्थल शामिल हैं।