नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संदेश देते हुए असंख्य रामभक्तों के पांच सदियों लंबे संघर्ष को याद किया। उन्होंने कहा कि यह अवसर केवल एक वर्षगांठ नहीं, बल्कि भारत की आस्था, संस्कार और सांस्कृतिक चेतना का दिव्य उत्सव है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा संदेश में प्रधानमंत्री ने प्रभु श्रीराम को नमन करते हुए देश-विदेश के सभी रामभक्तों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि अयोध्या की पावन धरती पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ मनाई जा रही है, जो हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है।
असंख्य रामभक्तों का संकल्प हुआ साकार
पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीराम की कृपा और आशीर्वाद से करोड़ों रामभक्तों का पांच सौ वर्षों का संकल्प पूर्ण हुआ है। आज रामलला अपने भव्य धाम में विराजमान हैं और अयोध्या की धर्मध्वजा प्रतिष्ठा द्वादशी की साक्षी बन रही है। उन्होंने इसे अपना सौभाग्य बताया कि हाल ही में उन्हें धर्मध्वजा की पुण्य स्थापना का अवसर मिला।
सेवा, समर्पण और करुणा का संदेश
प्रधानमंत्री ने कामना की कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की प्रेरणा हर देशवासी के हृदय में सेवा, समर्पण और करुणा की भावना को और सशक्त करे। उन्होंने कहा कि यही मूल्य एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की मजबूत नींव हैं। संदेश के अंत में उन्होंने ‘जय सियाराम’ के उद्घोष के साथ देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
22 जनवरी 2024 को हुआ था ऐतिहासिक आयोजन
गौरतलब है कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को संपन्न हुई थी। इस ऐतिहासिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल हुए थे। उसी दिन रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए थे, जिसे देश ने ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा।
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