एआई व डेटा में नवाचार के नए मापदंड स्थापित करने के लिए याद किया जाएगा साल 2025 : आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वर्ष 2026 को राज्य के लिए एक अहम साल बताते हुए कहा कि वर्ष 2025 को टेक्नोलॉजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डेटा-संचालित नवाचार में नए मानक स्थापित करने के लिए याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे वर्ष 2026 के लिए एक विशेष संकल्प लें और अपने आसपास पांच बच्चों को कंप्यूटर और एआई के विषय में जागरूक करें। मुख्यमंत्री ने योगी की पाती शीर्षक से पोस्ट की गई अपील में कहा, ैयह आंग्ल वर्ष 2026 में प्रवेश का समय है।

2025 का वर्ष टेक्नोलॉजी, एआई व डेटा में नवाचार के नए मापदंड स्थापित करने के लिए स्मरण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश भविष्योन्मुखी विकास के नए मानक गढ़ रहा है। प्रदेश के डिजिटल भविष्य को दिशा देने और निवेश का केंद्र बनाने में सरकार को आशातीत सफलता मिल रही है।

उन्होंने अपनी चिट्ठी में आगे कहा,निवेश तभी सुरक्षित रह सकता है, जब समाज और राज्य सुरक्षित हों। प्रदेश में सुशासन के राज ने विश्व भर में ब्रांड यूपी को सशक्त किया है। उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के विश्वास का राज्य बन गया है।आदित्यनाथ ने एआई तथा अन्य क्षेत्रों में अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा,लखनऊ और नोएडा में एआई सिटी बसाने की तैयारी है। जेवर में 3,700 करोड़ रुपये से सेमीकंडक्टर इकाई का निर्माण हो रहा है।

स्वदेशी सेंटर, सुरक्षित डेटा को ध्यान में रखकर बनी डेटा सेंटर नीति की सफलता दिखने लगी है। पांच हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क का व्यावसायिक उपयोग प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा, डेटा सेंटर क्षेत्र में 30 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य है। नौ शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं। ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल उत्पादन में भी हम नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। एआई प्रज्ञा के माध्यम से 10 लाख नागरिकों को एआई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हजारों नई नौकरियां सृजित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा, मैं चाहूंगा कि मेरे युवा साथी वर्ष 2026 के लिए एक विशेष संकल्प लें।आप अपने आसपास पांच बच्चों को कंप्यूटर और एआई के विषय में जागरूक करें। हर सप्ताह कम से कम एक घंटा ज्ञानदान के लिए निकालें। उन्होंने कहा,सरकार और आपका प्रयास संयुक्त रूप से न केवल विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को पूरा करेगा, अपितुउत्तर प्रदेश को विज्ञान-प्रौद्योगिकी की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।

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