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अब रेगिस्तान और समंदर के बीच भी बजेगा मोबाइल! ISRO आज लॉन्च करेगा ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’, बिना टावर आएगा फुल नेटवर्क

नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि जहां दूर-दूर तक मोबाइल टावर न हों, वहां भी आपके फोन में फुल नेटवर्क आ जाए? अब यह सपना हकीकत बनने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) बुधवार सुबह 8:54 बजे अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 यानी ‘बाहुबली’ से ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। यह ISRO का 101वां मिशन होगा, जो टेलीकम्युनिकेशन की दुनिया में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरने वाला यह मिशन सिर्फ एक सैटेलाइट नहीं, बल्कि उन करीब 2 अरब लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो आज भी कमजोर या बिना नेटवर्क वाले इलाकों में रहते हैं। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को अंतरिक्ष में तैरता हुआ एक विशाल ‘सेल टावर’ कहा जा रहा है, जो सीधे आपके स्मार्टफोन से जुड़ सकेगा।

‘बाहुबली’ उठाएगा 6.5 टन का विशाल सैटेलाइट
इस मिशन की सबसे बड़ी चुनौती इसका भारी वजन है। करीब 6.5 टन वजनी ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को ले जाने के लिए ISRO ने LVM3 रॉकेट को चुना है। कक्षा में पहुंचने के बाद यह सैटेलाइट 223 वर्ग मीटर का अत्याधुनिक फेज्ड एरे एंटीना तैनात करेगा, जो लो-अर्थ ऑर्बिट में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एंटीना होगा। आकार में यह किसी फुटबॉल मैदान जैसा दिखाई देगा।

पहाड़, जंगल या समंदर—अब नेटवर्क कभी नहीं कटेगा
अब तक ऊंचे पहाड़ों, घने जंगलों या समुद्र के बीच मोबाइल नेटवर्क गायब हो जाना आम बात थी। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 इस समस्या को खत्म करने की क्षमता रखता है। अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile द्वारा विकसित यह सैटेलाइट सीधे सामान्य 4G-5G स्मार्टफोन से कनेक्ट होगा। इसके लिए न किसी सैटेलाइट फोन की जरूरत होगी और न ही किसी अतिरिक्त डिवाइस की। जैसे ही आप टावर की रेंज से बाहर जाएंगे, आपका फोन खुद-ब-खुद अंतरिक्ष में मौजूद इस ‘आसमानी टावर’ से जुड़ जाएगा।

नया फोन नहीं, वही पुराना स्मार्टफोन करेगा काम
सबसे राहत की बात यह है कि इसके लिए नया मोबाइल खरीदने की जरूरत नहीं होगी। यह तकनीक मौजूदा 4G और 5G स्मार्टफोन के लिए ही तैयार की गई है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 120 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड देने में सक्षम होगा। यानी जंगल, रेगिस्तान या दूरदराज इलाकों में भी वीडियो कॉल, HD स्ट्रीमिंग और मैसेजिंग बिना रुकावट संभव होगी।

भारत-अमेरिका की अंतरिक्ष साझेदारी का बड़ा उदाहरण
यह मिशन भारत और अमेरिका के बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग को भी दर्शाता है। AST SpaceMobile ने दुनिया भर के 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है। शुरुआत में इसका फोकस अमेरिका के ग्रामीण इलाकों पर होगा, लेकिन आने वाले समय में यह सेवा पूरी दुनिया के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाई जाएगी।