नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में शनिवार की सुबह घने कोहरे और जहरीले स्मॉग के साथ हुई। कई इलाकों में दृश्यता शून्य के करीब रही, जिससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम-सी गई। मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार (20 दिसंबर) को पूरे दिन घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी की है। इस बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार बेहद खराब से गंभीर स्थिति में बनी हुई है। अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया।
अक्षरधाम और उसके आसपास घना कोहरा देखने को मिला, जबकि पूरी राजधानी पर स्मॉग की मोटी परत छाई रही। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने हालात को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के तहत सभी कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, अक्षरधाम में AQI 420 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने BS-6 मानक से नीचे वाले गैर-दिल्ली निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई करते हुए करीब 11,776 चालान काटे गए। हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद 24 घंटे का औसत AQI 374 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 373 था और अब भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
आनंद विहार बना प्रदूषण का हॉटस्पॉट
दिल्ली के 40 निगरानी केंद्रों में से 11 पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 29 केंद्रों पर ‘बहुत खराब’ स्तर पर दर्ज की गई। CPCB के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, आनंद विहार में सबसे अधिक AQI 430 रहा। इसके अलावा सराय काले खान में 428, अक्षरधाम में 420, राव तुलाराम मार्ग पर 403 और बारापुल्ला फ्लाईओवर पर 380 AQI दर्ज किया गया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार प्रवर्तन, धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और वाहन नियमन को मिलाकर बहु-स्तरीय रणनीति पर काम कर रही है, जिससे पिछले वर्षों की तुलना में हालात में सुधार देखा गया है।
60 हजार से ज्यादा पीयूसीसी जारी
दिल्ली में ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान का असर भी दिखने लगा है। 17 दिसंबर को 29,938 पीयूसीसी जारी किए गए, जबकि 18 दिसंबर को शाम 5:20 बजे तक 31,974 नए प्रमाणपत्र जारी हो चुके थे। इस तरह एक ही दिन में पीयूसीसी की संख्या 61 हजार के पार पहुंच गई।
पर्यावरण मंत्री ने कहा, “एक दिन में 60 हजार से ज्यादा लोगों का पीयूसीसी बनवाना दिखाता है कि जब नागरिकों को भरोसा होता है कि कदम जनहित में हैं, तो वे पूरा सहयोग देते हैं।”
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