- बहोरापुर में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा और पंचकुंडीय रुद्र महायज्ञ का दूसरा दिन
- कथा वाचक रंगीनी मिश्रा ने भागवत कथा की महिमा का किया वर्णन
नगरा, बलिया। जनपद के पिपरा पट्टी बहोरापुर गांव में शुक्रवार से प्रारंभ हुए नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं पंचकुंडीय रुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन शनिवार को वैदिक रीति-रिवाजों के बीच धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हुई। प्रातःकाल पंचांग पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद मंडप प्रवेश की विधि पूरी की गई।
सायंकाल वेदी पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें ग्रामीणों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पूरा अनुष्ठान यज्ञाधीश रितेश मिश्रा जी महाराज के सान्निध्य में, तथा आचार्य विवेक शुक्ला नव्यव्याकरणाचार्य के तत्वावधान में काशी से आए विद्वान ब्राह्मणों आशीष तिवारी, प्रेम पाण्डेय, विद्या नंद शुक्ला, संदीप दुबे, अश्विनी, सूर्यप्रकाश, विशाल ओझा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न किया गया। वातावरण “हरि गुरु” और “जय श्रीकृष्ण” के जयघोष से गूंज उठा।

शाम सात बजे से कथा वाचक मानस मंदाकिनी रागिनी सरस्वती (डॉ. रागिनी मिश्रा) ने श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ की। उन्होंने कहा कि अमृत पान करने से भी अधिक पुण्य कथा श्रवण का है, क्योंकि अमृत केवल शरीर को अमरत्व देता है, जबकि कथा आत्मा को शुद्ध और अमर बनाती है। कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति रस में डूब गए।

अमृत कलश प्रसंग को विस्तार से समझाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा केवल श्रवण मात्र का माध्यम नहीं, बल्कि यह मानव जीवन को धर्म, सत्य और करुणा की दिशा में अग्रसर करने का संदेश देती है। इस धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष फूलबदन सिंह, उपाध्यक्ष हरिंदर सिंह, कोषाध्यक्ष संतोष तिवारी सह कोषाध्यक्ष एसपी पांडेय व्यवस्थापक शारधानंद सिंह एवं मीडिया समन्वयक की संतोष कुमार सिंह की भूमिका अहम रही।
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