नई दिल्ली: संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को कहा कि उन संगठनों और नेताओं को अपने इतिहास को याद रखना चाहिए जिन्होंने संविधान निर्माण के समय इसका विरोध किया था। ANI से बातचीत में टैगोर ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक दस्तावेजों में से एक है, जिसका निर्माण बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद और संविधान सभा के सैकड़ों सदस्यों की कठिन मेहनत और दूरदर्शी सोच के कारण संभव हो पाया। टैगोर ने दावा किया कि 1949 में संविधान के अनुमोदन के दौरान संघ परिवार ने इसका विरोध किया था क्योंकि यह मनुस्मृति के सिद्धांतों से मेल नहीं खाता था।
उन्होंने कहा कि आज जब देश संविधान दिवस मना रहा है, तब यह याद करना जरूरी है कि किन लोगों ने इस संविधान की आलोचना की थी और आज वे ही लोग इसकी रक्षा की बात कर रहे हैं। टैगोर ने कहा—“यह एक बेहद महत्वपूर्ण दिन है जब हमें संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करना चाहिए। बाबा साहेब अंबेडकर और उनके साथियों ने भारत जैसे विविध और विशाल लोकतंत्र को एक सूत्र में बांधने के लिए ऐसा दस्तावेज तैयार किया जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता, न्याय और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है। लेकिन संघ ऐसा अकेला संगठन था जिसने 1949 में इसे स्वीकार नहीं किया क्योंकि यह मनुस्मृति के आधार पर नहीं बना था। आज उनकी विचारधारा से जुड़े लोग संविधान का समर्थन करने की बात करते हैं, लेकिन उन्हें अपने इतिहास को नहीं भूलना चाहिए।” संविधान दिवस, जिसे 26 नवंबर को पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है, 1949 की उस ऐतिहासिक तारीख की याद दिलाता है
जब भारतीय संविधान को अपनाया गया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। यह दिन नागरिकों में लोकतांत्रिक चेतना और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। टैगोर ने आगे कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है, जो कमजोर तबके और वंचित समुदायों को आवाज़ देती है और उन्हें समान अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल, सरकार या संस्था को संविधान से ऊपर नहीं होना चाहिए और लोकतंत्र तभी मजबूत रहता है जब शासन सत्ता नहीं, संविधान के प्रति जवाबदेह रहता है। इंटरव्यू के दौरान टैगोर ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर दिए गए ताज़ा बयान पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि भारत सरकार को चीन के सामने झुकना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा—“चीन की ऐसी बयानबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन भारत को उसके सामने मजबूती से खड़ा होना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।” उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने मंगलवार को चीन के दावे को सख्ती से खारिज करते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश देश का ‘‘अभिन्न और अटूट’’ हिस्सा है और शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय नागरिक प्रेमा वांगजोम थोंगडोक को बिना कारण हिरासत में लेने पर गंभीर आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने यह मुद्दा चीनी अधिकारियों के समक्ष उच्च स्तर पर उठाया है और कहा है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।
संविधान दिवस के मौके पर पूरे देश में स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सरकारी कार्यालयों और सामाजिक संस्थाओं में कार्यक्रम, संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन और जागरूकता अभियान चलाए गए। सोशल मीडिया पर भी #ConstitutionDay #SamvidhanDiwas जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे और लाखों लोगों ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी। एक बार फिर यह संदेश दिया गया कि भारत की लोकतांत्रिक बुनियाद संविधान में है और किसी भी नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करे।
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