जोहानिसबर्ग । अफ्रीका में आयोजित पहला जी20 शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे गरीब देशों को प्रभावित करने वाली लंबे समय से जारी कुछ समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के महत्वाकांक्षी एजेंडा के साथ शनिवार को शुरू होगा।
दुनिया की सबसे समृद्ध एवं प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेता और शीर्ष सरकारी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध सोवेटो कस्बे के पास स्थित एक प्रदर्शनी केंद्र में एकत्र होंगे ताकि वे मेजबान देश द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं को लेकर किसी सहमति पर पहुंचने की कोशिश कर सकें।
इन प्राथमिकताओं में बढ़ती वैश्विक असमानता को कम करने के उपायों के तहत जलवायु-संबंधी आपदाओं से उबरने के लिए गरीब देशों को अधिक सहायता देना, उनके विदेशी ऋण बोझ को कम करना, हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना और अपने महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का उपयोग करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से जब पूछा गया कि क्या जी20 विकासशील देशों को तरजीह दे पाएगा और कोई ठोस सुधार करेगा, तो उन्होंने कहा,देखते हैं कि क्या होता है… लेकिन मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ने इन बातों को स्पष्ट रूप से सामने रखकर अपना काम कर दिया है।’’
इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका भाग नहीं ले रही। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा करते हुए शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया है कि दक्षिण अफ्रीका नस्लवादी ‘श्वेत रोधी’ नीतियां अपना रहा है और अपने यहां के श्वेत अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है।
जी20 वास्तव में 21 सदस्यों का समूह है, जिसमें 19 देश, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ ‘सार्थक चर्चा’ की उम्मीद करते हैं।यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।
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