पटना। बिहार में बृहस्पतिवार को नीतीश कुमार के रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ नयी मंत्रिपरिषद में सबसे ज्यादा चर्चा राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक कुशवाहा की हुई, जो बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बन गए हैं। दीपक ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन सीट बंटवारे के दौरान हुए समझौतों के तहत उन्हें विधान परिषद कोटे से मंत्री बनाया गया है।
शपथ ग्रहण के बाद दीपक ने कहा कि उन्हें दी गई जिम्मेदारी का पूरी तरह अहसास है और वह इसके निर्वहन के लिए संकल्पित हैं। उपेंद्र कुशवाहा चुनाव घोषणापत्र और सीट बंटवारे के दौरान अपनी नाराजगी को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करते रहे थे। पटना में बातचीत विफल रहने के बाद उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद यह जानकारी सामने आयी कि रालोमो को छह सीटों के अलावा एक अतिरिक्त एमएलसी का वादा भी किया गया था।
मंत्रिमंडल में उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा को शामिल किए जाने की चर्चा भी लंबे समय से चल रही थी। सासाराम सीट से उनकी 25 हजार से अधिक मतों की जीत ने इन अटकलों को और बल दिया था। हालांकि, अंतत: राजनीतिक संतुलन और गठबंधन की रणनीतिक प्राथमिकताओं के कारण दीपक प्रकाश को मंत्रिपरिषद में स्थान दिया गया। उपेंद्र कुशवाहा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और उनकी पत्नी स्नेहलता विधायक हैं। दीपक के मंत्री बनने से कुशवाहा परिवार की राजनीतिक पकड़ और अधिक मजबूत होती प्रतीत होती है।
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