- प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आकर आपदा पीड़ितों का दुःख-दर्द साझा किया-सीएम
- PM मोदी-CM धामी की केमिस्ट्री से आपदा प्रबंधन का नया मॉडल बना-भट्ट
देहरादून। उत्तराखण्ड की भारी आपदा और पीएम मोदी के दौरे को लेकर प्रदेश में बहुत ही कौतूहल का माहौल देखा जा रहा था। पीएम मोदी गुरुवार को उत्तराखण्ड आये। आपदा पीड़ितों, बचाव दल व अधिकारियों से अब तक हूए नुकसान व राहत कार्यों का फीडबैक लिया।
पीएम मोदी को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करना था। लेकिन मौसम की खराबी के कारण हवाई दौरे को रद्द करना पड़ा। लिहाजा, इस समय का बखूबी इस्तेमाल करते हुए दून में सीएम समेत पार्टी नेताओं व विभिन्न पक्षों से तफ्सील से बातचीत की गई। और 1200 करोड़ की आर्थिक सहायता के अलावा अन्य घोषणाएं भी की गई।इससे पहले उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार उनके साथ खड़े हैं। प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि धराली में अपना सब कुछ गंवाने वालों के पुनर्वास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी, जरूरत पड़ने पर नियमों में भी संशोधन किया जाएगा। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये की तात्कालिक राहत सहायता की भी घोषणा की। यह पैकेज प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में मददगार साबित होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को उत्तराखंड भेज चुकी है, जो नुकसान का आंकलन कर रही हैं। उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को पचास हजार रुपये की सहायता की घोषणा की। हाल की बाढ़ और भूस्खलन से अनाथ हुए बच्चों को “पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन” योजना के माध्यम से दीर्घकालिक देखभाल और भलाई सुनिश्चित करने की घोषणा भी की गई।उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा संगठनों के राहत व बचाव प्रयासों की सराहना की।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से गहरा भावनात्मक रिश्ता है। वे कई बार सार्वजनिक मंचों से ‘देवभूमि’ के प्रति अपने विशेष लगाव को जता चुके हैं। केदारनाथ पुनर्निर्माण से लेकर हालिया आपदा तक हर संकट में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और लगातार मुख्यमंत्री धामी से संवाद बनाए रखा। राज्य सरकार को हर संभव मदद देने की उनकी प्रतिबद्धता ने उत्तराखंड को मजबूत सहारा दिया है।
गुरुवार की बैठकों में हिस्सा लेने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है। बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने राज्य के विकास और जनजीवन को प्रभावित किया है। लेकिन इन चुनौतियों के बीच भी एक नई उम्मीद जन्म ले रही है।यह उम्मीद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत केमिस्ट्री से पैदा हुई है, जिसे देशभर में आपदा प्रबंधन का नया मॉडल कहा जा रहा है।
भाजपाध्यक्ष ने कहा कि क्विक रिस्पांस टाइमिंग ने आपदा प्रबंधन को एक नया आयाम दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने ग्राउंड जीरो पर जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी की। सभी जिलों में प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित सहायता, भोजन, आवास तथा जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। जिलेवार नुकसान की आकलन रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई ताकि मदद समय से पहुंचे।
पीएम दौरे को राज्य के लिए विशेष लाभकारी बताते हुए सीएम धामी ने कहा कि
मोदी-धामी की केमिस्ट्री ने राज्य को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने का रास्ता खोल दिया है। जनता को यह भरोसा है कि जब नेतृत्व मजबूत, संवेदनशील और दूरदर्शी हो, तो ‘पर्वत’ जैसी बड़ी चुनौतियाँ भी छोटी लगने लगती हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत पैकेज की घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राज्य की जनता की ओर से आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री ने स्वयं उत्तराखंड आकर आपदा पीड़ितों का दुःख-दर्द साझा किया है। राज्य के प्रति उनकी आत्मीयता और संवेदनशीलता के लिए हम कृतज्ञ हैं।
गुरुवार की अहम बैठक में सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट, त्रिवेंद्र सिंह रावत, अनिल बलूनी, माला राज्यलक्ष्मी शाह, नरेश बंसल, कल्पना सैनी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ मौजूद रहे।