नई दिल्ली । भारत और ब्राजील के बीच छह महत्वपूर्ण समझौतों और सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये समझौते आतंकवाद और संगठित अपराध से मुकाबले, नवीकरणीय ऊर्जा, जन-स्तर पर लागू डिजिटल समाधान साझा करने, बौद्धिक संपदा सहयोग, कृषि अनुसंधान और गोपनीय सूचना की सुरक्षा से संबंधित हैं। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को नई गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के बीच मंगलवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में अगले पांच वर्षों में दोनों देशों के व्यापार को 20 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया।
दोनों नेताओं के बीच व्यापार, रक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल अवसंरचना, संस्कृति और जन-जन संपर्क जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने आतंकवाद पर ‘शून्य सहनशीलता और शून्य दोहरे मापदंड’ की नीति को दोहराया और वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
उन्होंने विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिजों, नई और उभरती तकनीकों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सुपरकंप्यूटर, डिजिटल सहयोग और गतिशीलता के नए क्षेत्रों में भी साझेदारी के नए अवसर तलाशने पर बल दिया।
वहीं ब्राज़ील की राजकीय यात्रा पर आज राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस’ से भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति लीला देसल बने उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की ब्राज़ील के अल्वोराडा पैलेस में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य दिया। अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ब्राज़ील की एकजुटता और समर्थन के लिए राष्ट्रपति लूला का धन्यवाद किया।
Agradeço ao meu bom amigo, o Presidente Lula, ao Governo e ao maravilhoso povo brasileiro pela gentileza desta visita. Nos últimos dias, participei da Cúpula do BRICS no Rio de Janeiro e mantive conversas bilaterais com o Presidente Lula em Brasília.@LulaOficial pic.twitter.com/5z7Sp51tpa
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ब्राज़ील की यह साझेदारी वैश्विक स्थिरता और संतुलन का अहम स्तंभ है। दोनों देश एकमत हैं कि सभी विवादों का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों के लिए कोई स्थान नहीं है और भारत ‘जीरो टोलरेंस एंड जीरो डबल स्टैंडर्ड’ की नीति का पालन करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-ब्राज़ील का सहयोग न केवल ग्लोबल साउथ, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि वैश्विक मंचों पर ग्लोबल साउथ की चिंताओं और प्राथमिकताओं को उठाना भारत का नैतिक दायित्व है।
प्रधानमंत्री मोदी को ब्राज़ील के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस’ से भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति लूला द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया गया। इस पर प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से आभार व्यक्त किया और ब्राज़ील के राष्ट्रपति को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने ब्राज़ीलियाई भाषा में “मुईतो ओबरी-गादो” कहकर धन्यवाद ज्ञापित किया।