उत्तर प्रदेश के रामपुर की स्वार सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव का पेंच एक बार फिर फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, इलाहबाद हाईकोर्ट ने भले ही स्वार सीट पर उपचुनाव कराए जाने को हरी झंडी दे दी हो, लेकिन देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोड़ा अटका दिया है। अब इस सीट पर होने वाला उपचुनाव एक बार फिर अधर में फंस गया है।
स्वार सीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये आदेश
दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की बेंच ने इस मामले में फैलाने सुनाते हुए कहा कि इस सीट का नेतृत्व करने वाले अब्दुल्ला आजम का मामला अभी अदालत में लंबित है, इस वजह से इस सीट पर दोबारा चुनाव कराना उचित नहीं है।
आपको बड़ा दें, वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। बाद में उनपर फर्जी जन्मतिथि का प्रमाणपत्र लगाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया। हाईकोर्ट में दर्ज इस मुक़दमे पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन भी रद्द कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने अब्दुल्ला के चुनाव के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। इस याचिका में अब्दुल्ला पर फर्जी दस्तावेजों की मदद से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था। काजिम अली के मुताबिक खान के पास जन्म के दो दस्तावेज हैं।