वाराणसी: वाराणसी पुलिस और पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (पिरामल फाइनेंस) ने लोगों को वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे से बचाने के लिए एक संयुक्त पहल ‘सबकी नीयत साफ नहीं होती’ शुरू की है। जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन बढ़ रहे हैं, धोखाधड़ी की रणनीति भी जटिल होती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए शुरू की गई यह पहल वाराणसी और पूरे देश के लोगों को सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक जानकारी और सतर्कता से सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
साइबर खतरों के बारे में शिक्षित करना पहल का मुख्य उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य लोगों को आम साइबर खतरों के बारे में शिक्षित करना, उन्हें संभावित जोखिमों को पहचानने, निवारक कदम उठाने और किसी भी धोखाधड़ी वाली गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए तैयार करना है। यह नागरिकों को खुद को और अपने परिवार को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए ज्ञान से सशक्त बनाना चाहता है।
28 दिसंबर तक चलेगा जागरूकता अभियान
यह जागरूकता अभियान 18 दिसंबर, 2024 से वाराणसी के विभिन्न स्थानों पर 10 दिनों तक चलेगा। इसमें जागरूकता संबंधी संदेश फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक, सोशल मीडिया अभियान, वीडियो, बैनर, पोस्टर और अन्य आकर्षक गतिविधियाँ शामिल होंगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, डीसीपी – गोमती जोन, हैड क्वार्टर और क्राइम प्रमोद कुमार, एडीसीपी – क्राइम श्रुति श्रीवास्तव और वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने किया। इस अवसर पर पिरामल फाइनेंस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुनीत मदान और हैड-मार्केटिंग अरविंद अय्यर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी
अभियान के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल लेनदेन के व्यापक उपयोग ने सभी के जीवन को बहुत सुविधापूर्ण तो बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही नए जोखिम भी सामने आए हैं। साइबर सुरक्षा जागरूकता अब वैकल्पिक नहीं है – यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम व्यक्तियों और परिवारों को साइबर धोखाधड़ी के भावनात्मक और वित्तीय प्रभाव से बचाएं। इस पहल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य वाराणसी के लोगों को शिक्षित करना है, और साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि वे खतरों को पहचानने और निवारक कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। साथ मिलकर, हम एक डिजिटल रूप से सुरक्षित समुदाय को बढ़ावा दे सकते हैं, जहाँ प्रगति और सुरक्षा एक साथ चलते हैं।’
डिजिटल सिस्टम की अनेक खामियां: संभागीय आयुक्त
वाराणसी पुलिस के संभागीय आयुक्त कौशल राज ने कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, डिजिटल लेनदेन के तेजी से बढ़ने से बेजोड़ सुविधा तो मिली है, लेकिन साथ ही इस सिस्टम की अनेक खामियां भी सामने आई हैं। साइबर सुरक्षा जागरूकता सिर्फ़ एक एहतियात नहीं है; यह साइबर धोखाधड़ी के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान और भावनात्मक संकट से व्यक्तियों और समुदायों की रक्षा करने के लिए सख्त जरूरत है। इस तरह की पहल नागरिकों को डिजिटल परिदृश्य को सुरक्षित रूप से नेविगेट करने और हमारे डिजिटल सिस्टम में विश्वास को मजबूत करने के ज्ञान के साथ सशक्त बनाती है। रचनात्मक और सुलभ तरीकों से समुदायों को जोड़कर, हम सुनिश्चित करते हैं कि जागरूकता हर व्यक्ति तक पहुँचे, साथ ही साइबर खतरों के खिलाफ सतर्कता की संस्कृति को बढ़ावा दें। शिक्षा और सहयोग के माध्यम से, हम सभी के लिए अधिक सुरक्षित माहौल बना सकते हैं।’
‘जागरूकता की कमी की वजह से होती है वित्तीय धोखाधड़ी’
वाराणसी पुलिस के गोमती ज़ोन के डीसीपी-हैडक्वार्टर और क्राइम प्रमोद कुमार ने कहा कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की ओर तेज़ी से बदलाव ने हमारे जीने और लेन-देन के तरीके को बदल दिया है, लेकिन इसने हमें महत्वपूर्ण साइबर खतरों के प्रति भी सतर्क किया है। वित्तीय धोखाधड़ी अक्सर जागरूकता की कमी का फायदा उठाती है, और यह महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का सक्रिय रूप से समाधान करें। यह अभियान वाराणसी के नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी की पहचान करने, उससे बचने और रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाने पर केंद्रित है। नुक्कड़ नाटकों और दृश्य सामग्रियों जैसे तरीकों के माध्यम से लोगों से जुड़कर, हम सतर्कता की संस्कृति बनाने की उम्मीद करते हैं जो हमारे शहर के हर कोने को साइबर जोखिमों से बचाती है।’
वाराणसी में बढ़ रही डिजिटल लेनदेन अपनाने की गति: एडीसीपी-क्राइम
वाराणसी पुलिस की एडीसीपी-क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने कहा कि वाराणसी में डिजिटल लेनदेन को अपनाने की गति बढ़ रही है, लेकिन यह कनेक्टिविटी साइबर धोखाधड़ी जैसे जोखिम भी लाती है जो वित्तीय नुकसान और भावनात्मक तनाव दोनों का कारण बन सकती है। यह पहल हमारे नागरिकों के बीच साइबर सुरक्षा जागरूकता की एक मजबूत नींव बनाने के बारे में है। रचनात्मक आउटरीच विधियों के माध्यम से, हम व्यक्तियों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए आवश्यक जानकारी से लैस करना चाहते हैं। प्रत्येक जागरूक नागरिक वाराणसी की सामूहिक शक्ति में योगदान देता है, जिससे यह एक सुरक्षित और अधिक बेहतर समुदाय बनता है।
पछतावे से बेहतर है जागरूकता: विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा, “पछतावे से बेहतर है जागरूकता। आज के समय में साइबर अपराध बहुत ज़्यादा बढ़ गए हैं और हम सभी इसके बारे में जानते हैं। साइबर अपराधों का एकमात्र समाधान जागरूकता है। मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाएं ताकि ऐसे अपराधों को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।
पिरामल फाइनेंस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने दी जानकारी
पिरामल फाइनेंस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुनीत मदान ने कहा, ‘‘देश में इंटरनेट उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि के बीच, वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार के साथ, साइबर साक्षरता के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। जैसे-जैसे अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत में डिजिटल पैठ गहरी होती जा रही है, साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। वाराणसी पुलिस के साथ यह पहल साइबर साक्षरता की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नागरिकों को साइबर खतरों को पहचानने और रोकने के लिए ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाकर, हम न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा कर रहे हैं, बल्कि हमारे राष्ट्र के समग्र डिजिटल सुरक्षा ढांचे को भी मजबूत कर रहे हैं। साथ मिलकर, हम एक डिजिटल रूप से सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं, जहाँ प्रत्येक नागरिक सुरक्षित रूप से इंटरनेट का उपयोग कर सके।
वाराणसी साइबर अपराध शाखा के साथ हाथ मिलाकर खुशी: पिरामल फाइनेंस के मार्केटिंग हैड
पिरामल फाइनेंस के मार्केटिंग हैड अरविंद अय्यर ने कहा, ‘‘साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए हमें वाराणसी साइबर अपराध शाखा के साथ हाथ मिलाकर खुशी हो रही है। साझा तौर पर हमारा लक्ष्य नागरिकों को डिजिटल खतरों से खुद को बचाने के लिए जागरूक करना और ज्ञान का एक मजबूत आधार तैयार करना है। हमारा सहयोग सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और एक सुरक्षित और सभी जानकारी से लैसे डिजिटल समुदाय को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों का प्रमाण है। साइबर साक्षरता को बढ़ाकर, हमारा लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जो आत्मविश्वास के साथ डिजिटल प्रगति को अपना सके।’
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इसी तरह की जागरूकता पहल गुजरात और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी शुरू की गई है।