कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत और रणदीप सुरजेवाला संभवतः संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक की जांच करेगी। प्रियंका गांधी वाड्रा ने विधेयक को संविधान विरोधी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह हमारे देश की संघवाद के खिलाफ है। हम इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
इस बीच, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी और राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले के नाम प्रस्तावित समिति के समक्ष रखे हैं। विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच तीखी बहस के बाद मंगलवार को लोकसभा में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पेश किया गया।
कांग्रेस ने किया विधेयक का विरोध
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने इस कानून को संविधान विरोधी करार दिया। हालांकि, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने स्पष्ट किया कि यह कानून राज्यों की शक्तियों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। हंगामे के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट को बताया है कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाएगा।
मत विभाजन के बाद विधेयक प्रस्तुत किया गया। 263 सदस्यों ने विधेयक प्रस्तुत करने के पक्ष में तथा 198 ने इसके विरोध में मतदान किया। विपक्षी कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी-एसपी, शिवसेना-यूबीटी और एआईएमआईएम ने विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।
विधेयक में हैं विधानसभा और आम चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान
यह विधेयक, जिसमें विधानसभा और आम चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा राजनीतिक दलों सहित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के महीनों बाद पेश किया गया था। 32 राजनीतिक दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया और 15 दलों ने इसका विरोध किया।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने गिनाए शिक्षा के क्षेत्र में यूपी सरकार द्वारा किये गए कार्य, दी कई बड़ी जानकारी
अमित शाह ने सदन में कहा कि जेपीसी में विस्तृत चर्चा हो सकती है। जेपीसी की रिपोर्ट को कैबिनेट मंजूरी देगी। इसके बाद सदन में इस विधेयक पर चर्चा होगी।