भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर बहुप्रतीक्षित चर्चा आधिकारिक तौर पर लोकसभा में शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चर्चा का जवाब देंगे। दो दिनों तक चलने वाली यह बहस काफी महत्वपूर्ण है, जो भारत के शासन पर संविधान के विकास और प्रभाव को दर्शाती है।
संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संविधान, किसी एक पार्टी की देन नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान निर्माण के काम को हमेशा एक खास पार्टी द्वारा हाईजैक करने का प्रयास किया गया है। आज मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है।
राजनाथ सिंह ने सभी देशवासियों को दी बधाई
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत के लोगों ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान को अपनाया था। मैं संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर इस सदन को तथा देश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं कह सकता हूँ कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को स्पर्श करके राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।
संविधान में लिखे धर्म के अनुरूप काम कर रही मोदी सरकार
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है। हमारी सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म के अनुरूप काम कर रही है।
भारत का संविधान समावेशी और परिवर्तनकारी
राजनाथ ने कहा कि हमारा संविधान प्रगतिशील है, समावेशी है, परिवर्तनकारी है। ये हमारा देश है जहां एक गरीब परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और वो देश का राष्ट्रपति भी बन सकता है। सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म के अनुसार काम कर रही है।
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एक उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी विपक्ष की ओर से पहली वक्ता होंगी, जो एक महत्वपूर्ण संसदीय बहस में उनका प्रवेश चिह्नित करेगी। यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, संवैधानिक मुद्दों पर चिंता जता रही है।