अजय राय के बाद अब राहुल गांधी ने कसी कमर, यूपी के सभी कांग्रेस सांसदों के साथ जाएंगे संभल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांच अन्य पार्टी सांसदों के साथ बुधवार को उत्तर प्रदेश के संभल का दौरा करने वाले हैं, जहां 24 नवंबर को मुगलकालीन मस्जिद की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की जांच के दौरान सांप्रदायिक हिंसा फ़ैल गई थी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने संकेत दिया कि वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी संभल का दौरा करने के लिए विपक्ष के नेता के साथ शामिल हो सकती हैं।

कांग्रेस नेता सचिन चौधरी ने बताया- दोपहर 1 बजे निकलेंगे

एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता सचिन चौधरी ने कहा, कि पुलिस हमें संभल जाने से रोक रही है। पहले उन्होंने हमें 2 दिसंबर का समय दिया था। मैं सिर्फ यह पूछना चाहता हूं कि अगर हम पीड़ितों का हालचाल नहीं पूछ सकते, तो क्या यह शर्म की बात नहीं है? हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि हम दोपहर 1 बजे संभल के लिए निकलेंगे और 2 बजे तक पहुंच जाएंगे। पुलिस सुबह से ही मेरे आवास पर मौजूद है।

इसके पहले सोमवार को यूपी पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस जारी कर हिंसा प्रभावित संभल का दौरा न करने की सलाह दी थी।

31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है प्रतिबंध

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या आशंकाजनक खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत प्रतिबंध रविवार को समाप्त हो रहे थे और अब इन्हें 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

संभल हिंसा मामले में अब तक 27 लोग हुए गिरफ्तार

पिछले सप्ताह बुधवार, 27 नवंबर को मुरादाबाद संभाग के संभल कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया था कि संभल हिंसा के सिलसिले में 27 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने बताया था कि पुलिस ने अब तक कुल 7 एफ़आईआर दर्ज की हैं, इनमें से 4 मृतकों के परिवारों ने दर्ज कराई हैं। कुल 27 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, इनमें 3 महिलाएँ और 3 किशोर हैं। किशोरों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि लोगों, कैमरों और वीडियो फुटेज की मदद से 74 लोगों की पहचान की गई है। बाकी लोगों की पहचान की जा रही है। हमने लोगों से मदद लेने के लिए उनके वीडियो और फ़ोटो भी जारी किए हैं ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।

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इससे पहले जामा मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वेक्षण से तनाव की स्थिति पैदा हुई, जिसकी शुरुआत वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की याचिका के बाद हुई, जिन्होंने दावा किया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर था।