शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे राजनीतिक गतिरोध का हवाला देते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। राउत ने भाजपा नीत गठबंधन पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया और बहुमत के बावजूद सरकार बनाने में देरी की आलोचना की।
संजय राउत ने लगाया चुनावी गड़बड़ी का आरोप
पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल को यहां राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव करना चाहिए क्योंकि यहां जो गड़बड़ियां हुई हैं, वे गलत हैं। लोग सब देख रहे हैं। लोग जानते हैं कि चुनाव कैसे हुए, ईवीएम में कैसे गड़बड़ी हुई। हम इस पर राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
वरिष्ठ नेता ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार पर असंवैधानिक होने का भी आरोप लगाया। राउत ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी सरकार सत्ता में थी जो सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण के कारण चल रही थी और संविधान के खिलाफ थी। इसके लिए डीवाई चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं। अब यह कार्यवाहक सरकार भी संविधान के खिलाफ है।
की भाजपा की आलोचना
संजय राउत ने बहुमत होने के बावजूद सरकार बनाने का दावा पेश न करने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 10 दिन हो गए हैं। उनके पास बहुत बड़ा बहुमत है। भाजपा के पास खुद बहुमत है, लेकिन उन्होंने अभी तक सरकार नहीं बनाई है। वे सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन भी नहीं गए। अगर हम बहुमत में होते, तो वे हर दूसरे दिन दावा पेश करने के लिए दौड़ पड़ते।
भाजपा ने पूछा सवाल
संजय राउत ने महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित करने के अधिकार पर भी सवाल उठाया। उन्होंने टिप्पणी की कि बावकुले घोषणा कर रहे हैं कि 5 तारीख को शपथ ग्रहण समारोह होगा। क्या वे राज्यपाल हैं? उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है। मुख्यमंत्री कौन होगा? अभी तक इस सब पर कोई फैसला नहीं हुआ है। सरकार बनाने के लिए अभी तक किसी ने राज्यपाल से मुलाकात नहीं की है।
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राउत के बयान मौजूदा राजनीतिक गतिरोध और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा प्रक्रियात्मक उल्लंघन के उनके आरोपों से उनकी पार्टी की हताशा को दर्शाते हैं।