महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुसीबत में घिरती नजर आ रही है। दरअसल, इस चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम होने के बाद चुनाव आयोग मनसे की मान्यता रद्द कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पार्टी कम से कम एक विधानसभा सीट या चुनावों में 8 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने में विफल रहती है, तो पार्टी अपनी मान्यता खोने का जोखिम उठा सकती है।
गौरतलब है कि मनसे हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही और उसे 1.55 प्रतिशत वोट शेयर मिला।
2009 के बाद पहली बार विधानसभा सीट हासिल करने में विफल रही एमएनएस
2009 में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के बाद पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा में मनसे का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे सहित मनसे द्वारा मैदान में उतारे गए 125 उम्मीदवारों में से कोई भी भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति द्वारा जीते गए चुनावों में जीत हासिल नहीं कर सका।
शनिवार को राज ठाकरे ने चुनाव परिणामों को अविश्वसनीय बताया। मनसे ने 2009 में भूमिपुत्र भावना के बल पर पहली बार चुनाव लड़ा था और 13 सीटें जीती थीं। हालांकि, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने एक-एक विधायक जीता।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने चुनावों में 235 विधानसभा सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी को केवल 49 सीटें ही मिलीं। राज्य में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में हुए थे।
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र चुनाव: जीत हासिल करने के बाद भी चली गई नाना पटोले की कुर्सी, लिया बड़ा फैसला
राज्य चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए और निर्वाचित विधानसभा सदस्यों के नाम महाराष्ट्र सरकार के राज्य राजपत्र में ईसीआई की अधिसूचना के माध्यम से प्रकाशित किए गए। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 73 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।