समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को संभल जिले में मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि भाजपा नीत यूपी सरकार ने यह हिंसा हाल ही में हुए यूपी उपचुनाव में किये गए कदाचार से ध्यान हटाने के लिए भड़काई है। इसके अलावा उन्होंने पार्टी सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को लेकर भी सरकार को घेरा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश ने कहा कि हमारे पास जितने भी वीडियो हैं, उनसे हम जानते हैं कि यह सरकार द्वारा कराया गया दंगा था। सरकार वोट लूट रही थी। उन्होंने संभल में दंगा इसलिए किया क्योंकि वे पकड़े नहीं जाना चाहते थे।
अखिलेश यादव ने किया गोधरा कांड पर आधारित फिल्म का जिक्र
इस दौरान उन्होंने गोधरा कांड पर आधारित फिल्म का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखने के बाद कुछ भाजपा नेताओं ने सोचा कि उन्हें भी बड़ा नेता बनना है और उन्होंने (संभल में) यह काम करवा लिया।
सपा सांसद को लेकर किया बड़ा दावा
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने पर सपा प्रमुख ने दावा किया कि हमारे सांसद जिया उर रहमान घटना के दौरान संभल में भी नहीं थे और इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई।
अखिलेश यादव ने प्रशासन की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि 19 नवंबर 2024 को न्यायालय द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन जामा मस्जिद पहुंचे और सभी लोगों ने उनका सहयोग किया। 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह दूसरा सर्वेक्षण किया जाएगा। मेरा सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन को दूसरा सर्वेक्षण करने का आदेश किसने दिया?
अखिलेश ने बताया क्यों भड़की हिंसा
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि लोगों ने फिर भी धैर्य रखा, लेकिन जब उन्होंने दूसरे सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने गाली-गलौज शुरू कर दी और लाठीचार्ज कर दिया। लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और पथराव किया, बदले में पुलिस ने गोलियां चलाईं।
यह भी पढ़ें: जामा मस्जिद हिंसा: मुसीबत में फंसे जियाउर रहमान और विधायक इकबाल के बेटे, एफआईआर दर्ज
उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि याचिका दायर करने वाले लोगों और इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और प्रशासन को संभल का माहौल खराब करने के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। उन पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी कोई गैरकानूनी घटना न कर सके।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine