भारतीय सैनिकों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब सेना ने आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के टॉप कमांडर सैफुल्लाह मीर को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। सैफुल्लाह मीर को ‘आतंक का डॉक्टर’ भी कहा जाता था। आपको बता दें जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन के बाद यह कामयाबी हाथ लगी है। मुठभेड़ की जानकारी देते हुए कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हिज्बुल के टॉप कमांडर डॉ रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद सैफुल्ला को संगठन का चीफ बनाया गया था। जिसे आज ज्वाइंट ऑपरेशन के बाद ढेर कर दिया गया है। उसके एक साथी को सेना ने जीवित पकड़ने में सफलता पाई है। यह पुलिस और सेना के लिए ये बहुत बड़ी कामयाबी है। इसके आगे उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का नेटवर्क काफी मजबूत है, जो भी आएगा मारा जाएगा।
रियाज जितना ही खूंखार था सैफुल्लाह-
सैफुल्लाह भी रियाज नाइकू जितना ही खूंखार आतंकी की श्रेणी में आता था। आपको बता दें कि सेना ने जो आतंकियों की लिस्ट बनाई है उसमें इसे भी A++ की कैटेगरी में रखा था, लेकिन आतंकी चाहे जितना भी खूंखार हो उसका भारतीय सेना की गोली से बचना मुश्किल है। बताते चलें कि सैफुल्लाह को आतंक का डॉक्टर भी कहते हैं, क्योंकि उसने मेडिकल की पढ़ाई की थी। मिली जानकारी के मुताबिक, सैफुल्लाह मीर जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के पदगामपोरा का रहने वाला था। यह पैरामेडिकल की ट्रेनिंग ले चुका था। वो मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर काम भी करता था। 2012 में वो आतंक की राह पर चल निकला और आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़ गया। पिछले 8 साल से सैफुल्लाह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था।
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कैसे बन सैफुल्लाह ‘आतंक का डॉक्टर’-
खबरों के मुताबिक सैफुल्लाह बीते दिनों मुठभेड़ में घायल आतंकियों का इलाज करता था, लेकिन इसी बीच आतंकियों ने सैफुल्लाह का ब्रेन वॉश कर दिया, जिसके बाद उसने आतंक की वर्दी पहन ली और हाथ में AK-47 थाम ली थी। इसके बाद 2017 में जब रियाज नायकू को हिज्बुल का ऑपरेशन कमांडर बनाया गया था, उसी वक्त सैफुल्लाह को भी डिप्टी कमांडर बनाया गया था। रियाज नायकू की मौत के बाद कमांडर बनने का सबसे बड़ा दावेदार सैफुल्लाह था। इसलिए उसे चीफ बना दिया गया।