भारतीय सेना को नई मजबूती देने की रूपरेखा लिख दी गई है। इस बात की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने मंगलवार को बताया है कि भारत सरकार-से-सरकार ढांचे के तहत अमेरिकी रक्षा प्रमुख जनरल एटॉमिक्स से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा। मंगलवार को दोनों देशों द्वारा बहुप्रतीक्षित समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
भारत सरकार जो ड्रोन खरीद रही है उनमें स्काई गार्डियन ड्रोन और सी गार्डियन ड्रोन शामिल होंगे। सी गार्डियन ड्रोन समुद्री निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे, वहीं स्काई गार्डियन ड्रोन की तैनाती जमीनी सीमाओं की रखवाली के लिए की जाएगी। इन्हें भारत-चीन या भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जा सकता है।
भारतीय नौसेना को 15 समुद्री गार्जियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि भारतीय वायु सेना और सेना को आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन मिलेंगे।
32000 करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत भारत में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधा भी शुरू की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने इस सौदे पर हस्ताक्षर किए।
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने पिछले सप्ताह 31 प्रीडेटर ड्रोनों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। इन अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिकी सैन्य और कॉर्पोरेट अधिकारियों की टीम भारत में है।
हस्ताक्षर समारोह के दौरान संयुक्त सचिव और नौसेना प्रणालियों के अधिग्रहण प्रबंधक सहित शीर्ष भारतीय रक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
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भारत कई वर्षों से अमेरिका के साथ इस सौदे पर चर्चा कर रहा था, लेकिन अंतिम बाधाएं कुछ सप्ताह पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में दूर हो गई हैं।
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