हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों के अवैध निर्माण के खिलाफ हिन्दुओं ने मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में हिन्दू संगठनों के निशाने पर अब अब कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद है। हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद को अवैध ठहराते हुए इसे गिराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह मस्जिद खादी ग्रामोद्योग की भूमि पर बनी है, लेकिन जिला प्रशासन ने इस आरोप को पूरी तरह से नकार दिया है।
कुल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि जामा मस्जिद आबादी क्षेत्र में स्थित है और यह पंजाब वक्फ बोर्ड के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि मस्जिद के निर्माण के लिए 2000 में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) से अनुमति ली गई थी, और इसके अनुसार मस्जिद का नक्शा पास किया गया था। इसमें ग्राउंड के अलावा तीन मंजिला नक्शा शामिल था।
हालांकि, इसमें लगभग 150 वर्ग मीटर का अतिरिक्त निर्माण पाया गया है, जिसे नियमित करने के लिए मस्जिद कमेटी ने आवेदन किया है।
हिंदू संगठनों, जैसे देवभूमि जागरण मंच और विश्व हिंदू परिषद, ने आरोप लगाया है कि जामा मस्जिद का निर्माण नियमों का पालन करते हुए नहीं किया गया है। उन्होंने नगर परिषद कुल्लू में इस मामले की शिकायत भी की थी। नगर परिषद की जांच में पाया गया कि मस्जिद का निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया है।
नगर परिषद कुल्लू के कार्यकारी अधिकारी हरि सिंह यादव ने बताया कि जामा मस्जिद का निर्माण नियमों के अनुसार नहीं हुआ है और इसकी नियमितीकरण की फाइल शहरी विभाग के निदेशक के पास लंबित है। अनुमति मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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यह विवाद सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे सकता है, और सभी पक्षों को मिलकर एक न्यायपूर्ण समाधान की दिशा में प्रयास करना चाहिए।