पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के केला डांडी गांव में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने गांव के अंदर एक अवैध मस्जिद का निर्माण शुरू कर दिया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब हिंदू समुदाय के लोग अवैध निर्माण को लेकर सड़कों पर उतर आए और कथित तौर पर मस्जिद की दीवार का एक हिस्सा गिर गया।
इस घटना के बाद पूरे गांव में तनाव फैल गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात करना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के फिदा हुसैन और उनके भाई आरिफ ने मस्जिद निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में दी थी। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उस जमीन पर दीवारें खड़ी कर दीं और वहां मस्जिद का निर्माण शुरू कर दिया। दीवारों पर पेंटिंग भी कर दी गई और वहां नमाज भी पढ़ी जाने लगी। हालांकि, यह निर्माण बिना किसी सरकारी अनुमति के किया गया, जो विवाद की मुख्य वजह बन गया।
हिंदू समुदाय के लोगों ने करीब तीन महीने पहले इस अवैध निर्माण की शिकायत प्रशासन से की थी। उस समय प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में निर्माण कार्य रुकवा दिया था और जगह-जगह तालाबंदी भी कर दी थी। हालांकि, तब भी अवैध निर्माण को पूरी तरह से नहीं तोड़ा गया, जिससे हिंदू समाज में आक्रोश पनप गया।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब शुक्रवार (27 सितंबर, 2024) को हिंदू समाज के लोगों ने कथित तौर पर अवैध मस्जिद की दीवार का एक हिस्सा गिरा दिया। इस घटना के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और अपनी निगरानी में दीवार का दोबारा निर्माण करवाया।
इसको लेकर हिंदू समाज का रोष बढ़ गया. हिन्दुओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस मुस्लिम पक्ष के साथ मिलकर काम कर रही है और अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू समाज के लोग फिर से सड़कों पर उतर आए और धरने पर बैठ गए।
इस विवाद में भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्य भी सक्रिय रूप से शामिल हो गए। जब उन्हें इस मामले की जानकारी मिली तो वे तुरंत गांव पहुंचे और धरने पर बैठी महिलाओं के साथ शामिल हो गए। उन्होंने भी इस अवैध निर्माण को हटाने की मांग की और पुलिस-प्रशासन की भूमिका की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इस पूरे मामले की जानकारी दी और पुलिस के रवैये की आलोचना की।
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इस विवाद के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया और गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इस मामले में एसपी दक्षिणी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रशासन ने पहले भी मस्जिद के अवैध निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाए थे। उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट के आदेश पर निर्माण कार्य पहले ही रोक दिया गया था, लेकिन हिंदू पक्ष का आरोप है कि वहां नमाज पढ़ी जा रही थी और यह निर्माण फिर से चोरी-छिपे शुरू हो गया।
इस विवाद ने तब और गंभीर रूप ले लिया जब दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पत्थरबाजी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें देखा जा सकता है कि दोनों पक्षों के लोग एक दूसरे पर पत्थरबाजी कर रहे हैं। इस घटना के बाद इलाके में तनाव और फैल गया। पुलिस ने तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ी को मौके पर बुलाया और छतों से पत्थरबाजी रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई।