सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनके सामने कुछ ऐसी शर्ते रखीं है, जिनकी वजह से वह पूरी तरह से अपनी मुख्यमंत्री की भूमिका अदा नहीं कर सकेंगे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की दो जमानतें जमा करने पर राहत प्रदान की। इसके अलावा उनके सामने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
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आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और वे 2 जून को आत्मसमर्पण करने के बाद से जेल में हैं।
अरविंद केजरीवाल की जमानत की कुछ शर्तें:
- 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर रिहाई ।
- अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना होगा, जब तक कि अदालत द्वारा छूट न दी जाए।
- जमानत पर बाहर रहते हुए अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकते।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं कर सकते जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी लेना अत्यंत आवश्यक न हो।
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