वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद से फर्जीवाड़ें के एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाकर बड़े स्तर पर ठगी का खेल चल रहा था। मामले का खुलासा होने के बाद तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बीते शुक्रवार को उप निबंधन सदर द्वितीय के शिकायत पर इस मामले में ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय पांडेय सहित 10 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने का बाद पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की और दुर्गाकुंड स्थित दयाल टॉवर से ट्रस्ट के प्रमुख अजय पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में दो अन्य अभियुक्त रवींद्रनाथ पांडेय और शाहबाज को भी गिरफ्तार किया है।
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मिली जानकारी के अनुसार अजय पाण्डेय ने पीएम मोदी के नाम से बनाए गए फर्जी ट्रस्ट ‘आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी’ के लेटर हेड पर पीएमओ, कई केंद्रीय मंत्री के अलावा 100 से अधिक सांसदों को पत्र भेजा। पत्र में वाराणसी के पिंडरा में पीएम मोदी के नाम से विश्ववविद्यालय बनाने की बात कहकर उनसे फण्ड की डिमांड की गई थी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजय पांडेय ने वाराणसी के डीएम को भी पत्र लिखकर पिंडरा विधानसभा में लगभग 160 एकड़ जमीन मांगी थी। ट्रस्ट के पत्र का उत्तर न मिलने पर अजय पांडेय ने पीएमओ और सीएम पोर्टल पर इसकी शिकायत भी की थी।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कैंट इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में तीन शख्स को गिरफ्तार किया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। सात अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीम जुटी है।
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आपको बता दें कि पीएम ने नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाने में जितने दोषी अजय पांडेय है उतना ही गुनाह रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारियों का भी है। सवाल यह है कि आखिर अजय पांडेय ने रजिस्ट्रार ऑफिस के किन कर्मचारियों के साथ मिलकर इतने बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया?