उत्तराखंड में MBBS के छात्रों की हिंदी मीडियम पढ़ाई जल्द ही शुरू हो जाएगी, लेकिन छात्र एक साल तक मध्य प्रदेश में संचालित हिंदी मीडियम की किताबें पढ़ेंगे। अगले साल से नए प्रकाशक की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रदेश के चारों मेडिकल कॉलेज के छात्रों को मध्य प्रदेश की किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में MBBS का पाठ्यक्रम हिंदी में मीडियम में उपलब्ध है। और उत्तराखंड प्रदेश हिंदी मीडियम में पाठ्यक्रम शुरू करने वाला दूसरा राज्य है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर MBBS में हिंदी पाठ्यक्रम लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय समिति का आयोजन किया था।
इसमें NHB चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र, देहरादून मेडिकल कॉलेज के रेडियोथेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दौलत सिंह मध्य प्रदेश गए थे। हिंदी मीडियम में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों और हिंदी मीडियम से पढ़ा रहे सभी शिक्षकों का अनुभव जाना। इसका फीडबैक बहुत ही पॉजिटिव रहा और समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी दी है।
समिति के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. दौलत सिंह के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि मेडिकल छात्र एक साल तक मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में चल रही हिंदी मीडियम की किताबों से ही पढ़ेंगे। इसके बाद हिंदी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। इसमें दूसरे प्रकाशक और विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके माध्यम से छात्रों को अगले साल से नए प्रकाशकों की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
छात्रों को यह अनुमति भी रहेगी कि वह अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। हिंदी में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। हिंदी व अंग्रेजी मीडियम के छात्रों के साथ बैठकर ही क्लास करेंगे। बता दें कि MBBS में करीब 60 फीसदी छात्र इंग्लिश मीडियम और 40 फीसदी छात्र हिंदी मीडियम के होते हैं। ऐसे में छात्रों को पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।