लखनऊ। बख्शी का तालाब स्थित चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबंधक बाबू भगवती सिंह ने कहा की बड़ी मेहनत और भागदौड़ तथा चंदा मांग कर चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना हुई थी।
आज निरंतर महाविद्यालय आगे बढ़ रहा है। महाविद्यालय का मूल्यांकन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा 2019 में कराया गया इसे बी- श्रेणी प्राप्त हुई तभी से इस महाविद्यालय के अंदर आइक्यूएसी के अंतर्गत शैक्षिक गुणवत्ता हेतु अनेक कार्यक्रम निरंतर चलाए जा रहे हैं। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कोविड-19 संक्रमण काल में महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने किसान उपयोगी आलेख किसानों को उपलब्ध कराएं जिससे किसान लाभान्वित हुये।
जल्द ही इस विद्यालय को विश्वविद्यालय बनाया जाएगा
चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय बख्शी का तालाब खुले वातावरण में स्थित है। लखनऊ जिले का सबसे पुराना महाविद्यालय है।इस विद्यालय को शीघ्र ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा एक्रीडिटेशन प्राप्त किया जाएगा जिसकी प्रक्रिया चल रही है एक चरण पूरा हो चुका है, और इस विद्यालय को शीघ्र ही विश्वविद्यालय बनाया जाएगा जिस पर कार्य चल रहा है। इस महाविद्यालय की स्थापना का सपना पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र भानु गुप्ता जी ने देखा था। आज वह सपना साकार हो गया है। महाविद्यालय अपने 25 वर्ष की आयु पूरा कर चुका है, ऐसे में इसे विश्वविद्यालय बनना चाहिए इस पर संस्थापक प्रबंधक भगवती सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया चल रही है, और शीघ्र ही चंद्र भानु गुप्ता विश्वविद्यालय बनेगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो योगेश कुमार शर्मा इस महाविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं विद्यालय के लोग सकारात्मक सोच की ओर आगे बढ़ रहे हैं। महाविद्यालय में परास्नातक स्तर पर चार विभाग हैं कृषि प्रसार, उद्यान विज्ञान, शस्य विज्ञान तथा मृदा विज्ञान प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्र-छात्राएं इस महाविद्यालय से परास्नातक की डिग्री लेकर के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में शोध कार्य कर रहे हैं। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल चौरसिया ने बताया कि चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शीघ्र ही दो बड़ी यूनिट खोली जाएंगी जिसमें मशरूम की खेती तथा बरबरी बकरी पालन पर नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वर्गीय चंद्रभानु गुप्ता जी का सपना साकार होता नजर आ रहा है, इन्होंने जो संस्थाएं बनाई वह सभी फल फूल रही है। चंद्रभानु गुप्ता जी कहा करते थे कि मेरा जीवन एक भिखारी का जीवन है। आज उनके द्वारा बनाई गई संस्थाएं हजारों लोगों को रोजगार दे रही हैं।