अमेरिका की उच्च-स्तरीय समिति ने भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की सिफारिश की है। इसके वर्तमान में 31 सदस्य हैं। इसके अलावा समूह नाटो सदस्यों के साथ ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजराइल और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। इन देशों के अमेरिका के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और सुरक्षा सहयोग समझौते हैं। भारत के कई सालों से नाटो प्लस ग्रुप में शामिल करने की बात चल रही है, लेकिन यह अब तक नहीं हुआ। अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA) पारित किया। इसके जरिए भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की सिफारिश की गई थी। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारतीय मूल के डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य रो खन्ना ने इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पेश किया था, लेकिन कानून को अंतिम रूप नहीं दे सके। आइए जानते हैं नाटो प्लस में शामिल होना भारत के लिए कितना फायदेमंद होगा।
एनडीएए हर साल अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित किया जाता है। यह यूएस विदेश नीति को प्रभावित करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। नाटो प्लस सदस्य बनने से भारत काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट की सबसे बड़ी बाधा से मुक्त हो जाएगा। इसमें रूस समेत अन्य देशों के साथ रक्षा सौदे प्रतिबंधित हैं।
भारत को क्या फायदा होगा
भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए निजी भागीदारी और सहयोग के लिए प्रयासरत है। नाटो प्लस का छठा सदस्य बनने से भारत और अमेरिका के साथ सीधी रक्षा साझेदारी कर सकेगा। इंडिया को बिना किसी देरी के नवीनतम सैन्य प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्राप्त होगी। यूएस इससे पहले भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर के तौर पर दर्जा दे चुका है। अगर भारत नाटो प्लस का सदस्य बनता है तो अमरिका से सैन्य उपकरण और रक्षा तकनीक हासिल करना सरल हो जाएगा। यह भारत में कई नए उद्योगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा। इससे भारत के आत्मनिर्भरता अभियान को नई गति मिलेगी।
भारत के नाटो प्लस में शामिल करने की सिफारिश
चीन के बढ़ते प्रभाव और रूस से मुकाबला करने के लिए अमेरिका भारत के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना चाहता है। अमेरिकी कांग्रेस की चाइना सेलेक्ट कमेटी ने हाल ही में ताइवान में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए नाटो प्लस में भारत को शामिल करने की सिफारिश की है।
नाटो प्लस में शामिल किए जाने की संभावनाएं
इस सिफारिश से भारत के नाटो प्लस में शामिल होने की संभावना बढ़ जाकी है। अगले वर्ष एनडीएए विषय को शामिल किए जाने की संभावना है। भारत के नाटो प्लस में शामिल होने से अमेरिका के साथ साझेदारी मजबूत होगी। कुछ सालों से इस प्रस्ताव पर काम कर रहे भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक रमेश कपूर ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने कहा कि यह सिफारिश अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2024 में शामिल की जाएगी। इसे कानून में बदल दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी अगले महीने यूएस के दौरे पर आ रहे हैं।