जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमला मामले में रविवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव ‘‘सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया’’ और अगर इस मामले में जांच होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता. मलिक ने दावा किया कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सूचित किया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘‘चुप रहने’’ के लिए कहा था. मलिक ने अलवर जिले के बानसूर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ (2019 का लोकसभा) चुनाव हमारे सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया था और कोई जांच नहीं हुई थी. अगर जांच होती तो तत्कालीन गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफ देना पड़ता. कई अधिकारी जेल में होते और एक बड़ा विवाद पैदा हो जाता.
इन लोगों (सरकार) ने जांच नहीं कराई.’’ पूर्व राज्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं और केंद्र के तीन कृषि कानूनों (अब निरस्त) के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन किया था. उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. मलिक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में अपनी शूटिंग कर रहे थे. जब वह वहां से बाहर आए तो मुझे फोन आया, मैंने उनसे कहा कि हमारे सैनिक मारे गए हैं और वे हमारी गलती से मारे गए हैं, इसलिए उन्होंने मुझे चुप रहने के लिए कहा और इस विषय पर बात नहीं करने को कहा.”
जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहने के दौरान दो फाइल को मंजूरी देने के लिए रिश्वत के रूप में 300 करोड़ रुपये की पेशकश के अपने दावे के संबंध में उन्हें हाल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का सामना करना पड़ा है. उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी के मुद्दे को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इनके साथ के लोग (गौतम) अडाणी हैं, इन्होंने तीन साल में इतनी दौलत जमा कर ली कि देश के सबसे अमीर व्यक्ति हो गए.’’ उन्होंने लोगों से सवाल किया कि ‘‘आप में से किसी की दौलत बढ़ी हो तो मुझे बताइए.’’
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मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘संसद में जब (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी ने पूछा कि उन्हें (अडाणी को) मिले ये 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए, तो प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे पाये.’’ मलिक ने कहा, ‘‘वे अपने मुख्यमंत्रियों के जरिए लूटते हैं और इसे अडाणी को देते हैं तथा वह कारोबार करते हैं….’’ मलिक ने दावा किया, ‘‘जब मैं गोवा का राज्यपाल था तो मैंने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री से की और नतीजा ये निकला की मुझे हटा दिया और उन्हें (गोवा के मुख्यमंत्री को) नहीं हटाया गया. इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि ये अपनी नाक के नीचे भ्रष्टाचार कराते हैं और उसमें इनकी हिस्सेदारी होती है, तथा पूरी रकम अडाणी को जाती है.’’ उन्होंने लोगों से सरकार बदलने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘जनता ही इस सरकार को हटा सकती है, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस बार चूके तो इसके बाद आपको वोट देने का मौका नहीं मिलेगा.