अमेरिकी जेल में बंद पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। वह 26/11 को हुए हमलों में आरोपी है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) में शामिल इस आतंकी को लेकर अमेरिकी कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। इसका संबंध आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से है।
अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के एक कोर्ट ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी है। मामले की जांच कर रही NIA (National Investigation Agency) उसे भारत लाने की तैयारी में जुट गई है। लॉस एंजिलिस सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई के आदेश में कहा कि राणा का प्रत्यर्पण किया जा सकता है।
तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए तैयार है NIA
पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला किया था। NIA इसकी जांच कर रही है। भारत ने अमेरिका से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। इसके बाद उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने कहा है कि वह राजनयिक माध्यमों से उसे भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार है।
तहव्वुर राणा ने की लश्कर-ए-तैयबा की मदद
कोर्ट में सुनवाई के दौरान संघीय अभियोजक ने बताया कि राणा को पता था कि उसके बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। उसने हेडली को आतंकी गतिविधियां छुपाने में मदद की। राणा ने लश्कर-ए-तैयबा और इससे जुड़े लोगों की मदद की। राणा को हेडली द्वारा की जा रही बैठकों की जानकारी थी। इन बैठकों में आतंकी हमले की योजनाएं बनाई गईं। अमेरिकी सरकार ने कहा कि राणा आतंकी साजिश का हिस्सा था। उसने आतंकवादी हमले को अंजाम देने का बड़ा अपराध किया है। राणा के वकील ने उसके प्रत्यर्पण का विरोध किया।
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मुंबई आतंकी हमले में मारे गए थे 166 लोग
मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। इनमें छह अमेरिकी थे। 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था। इसके चलते 60 घंटे तक मुंबई आतंक के साये में रही।