सूडान में प्रतिद्वंद्वी जनरलों के बीच सशस्त्र संघर्ष तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया. शनिवार को राजधानी खार्तूम में अंधाधुंध गोलीबारी जारी रही. देश में गंभीर स्थिति को देखते हुए सूडानी लोगों को हिंसाग्रस्त इलाकों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है. यह हिंसक संघर्ष जारी रहने पर अस्थिरता को और बढ़ा सकता है. इस बीच भारत (India), संयुक्त अरब अमीरात, यूके और यूएस सहित विदेशी देश सऊदी अरब की मदद से अपने नागरिकों के निकासी मिशन को अंजाम दे रहे हैं. शनिवार 29 अप्रैल को सूडान में फंसे 135 भारतीय नागरिकों (Indians) के साथ 10वां बैच भारतीय वायुसेना (India Air Force) के सी130जे की उड़ान से पोर्ट सूडान से सफलतापूर्वक रवाना हुआ.
सूडान संकट का हालिया घटनाक्रम
ऑपरेशन कावेरी के तहत 229 यात्रियों को लेकर 7वीं फ्लाइट सऊदी अरब के जेद्दाह से रवाना हुई और रविवार को बेंगलुरु में उतरेगी. यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी.
संकटग्रस्त सूडान से निकाले गए कुल 1,191 भारतीय अब तक देश में आ चुके हैं. इनमें से 117 यात्री वर्तमान में क्वारंटीन किए गए हैं क्योंकि उन्हें पीले बुखार का टीका नहीं लगाया गया था.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने नागरिकों, स्थानीय कर्मचारियों और अन्य लोगों को एक संगठित काफिले की मदद से बचाया जो शनिवार को पोर्ट सूडान के लाल सागर शहर पहुंचे.
संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को सूडान से अपने नागरिकों, अन्य देशों के बाशिंदों और मानवीय आधार पर लोगों को विमान से निकाला. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिकों सहित लगभग 128 लोग राजधानी अबू धाबी में उतरे, जहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
सूडान में लड़ाई में दो अमेरिकी नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई. एक अमेरिकी नागरिक गोलीबारी के फेर में फंस मारा गया. समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार दूसरे आयोवा सिटी के डॉक्टर थे, जिन्हें खार्तूम में उनके घर और परिवार के सामने चाकू से गोदकर मारकर दिया गया.
15 अप्रैल से सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच हिंसक संघर्ष संघर्षविराम के समझौते के बावजूद और तेजी पकड़ रहा है. इसमें 500 से अधिक लोग मारे गए और 4,599 घायल हुए है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हिंसा की वजह से 75,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा कि दारफुर में सेना -आरएसएफ के संघर्ष के बाद भड़की अंतर सांप्रदायिक हिंसा में सोमवार से अब तक कम से कम 96 लोग मारे गए हैं.
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सूडान के पड़ोसियों में मिस्र ने कहा कि उसने 16,000 लोगों को लिया था, जबकि 20,000 लोगों ने चाड में प्रवेश किया था.
सूडान के पूर्व प्रधान मंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने नैरोबी में एक सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि युद्ध को रोकना चाहिए और चेतावनी दी कि इसके परिणाम विदेशी क्षेत्र तक भी फैलेंगे. हमदोक ने कहा, ‘यह एक विशाल देश है, बहुत विविध है … मुझे लगता है कि यह दुनिया के लिए एक बुरा सपना होगा. यह एक सेना और छोटे विद्रोह सरीखा युद्ध नहीं है. यह लगभग दो सेनाओं की अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अच्छी तरह से सशस्त्र बलों की लड़ाई है.’