कांग्रेस से वरिष्ठ नेता व सांसद राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष ने पहला रिएक्शन दिया है। उन्होंने भाजापा नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो पसंद नहीं है। लेकिन कांग्रेस सच बोलती रहेगी। हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे।
वहीं अडानी संकट को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहा है। शुक्रवार को दिल्ली के विजय चौक पर अडानी शेयर क्रैश और यूएस शार्ट सेसर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगे आरोपों की जांच की मांग करने कई सांसद पहुंचे थे। वे विरोध प्रदर्शन कर ही रहे थे कि मौके से दिल्ली ने उन्हें उठाया लेकिन जब वे अपनी जिद पर अड़े रहे तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों के करीब 25 सांसद विरोध कर रहे थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है।
विजय चौक पर विरोध के लिए कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेता एकत्र हुए थे। वे अडानी मामले में जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रहे थे। सांसदों ने मौजूदा केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। जब दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो सांसदों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। केंद्र पर लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने का आरोप लगाया।
विपक्ष के सांसदों के विरोध की अगुवाई कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे थे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कि सभी विपक्षी दलों के सांसद और सदन के नेता जेपीसी की मांग कर रहे हैं। सच ये है की पीएम मोदी सच को छिपाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसे लोग देश का करोड़ों रुपए लेकर भागे हैं। अब अडानी पर भी बात नहीं हो रही। खड़गे के सवाल किया कि इसका अर्थ क्या है? इस सवाल का जवाब सब जानना चाहते हैं।