अदाणी मुद्दे पर विपक्षी दल शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं, वे लगातार इसे लेकर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को कई विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जांच एजेंसी से शेल कंपनियों के जरिए से धन शोधन समेत अन्य भ्रष्ट गतिविधियों के आरोपों को लेकर अदाणी समूह के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की है।
ईडी को लिखे गए पत्र में विपक्षी नेताओं ने कहा है कि हम इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कैसे हाल के दिनों में, ईडी भी कथित राजनीतिक पक्षपात के मामलों को आगे बढ़ाया है। जिसमें सेबी और सीबीआई के साथ समवर्ती अधिकार क्षेत्र साझा करना भी शामिल है। विपक्षी नेताओं ने अपने पत्र में लिखा कि हम यह बात जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमीशन के सीमीत अधिकारों को बदला नहीं जा सकता है। हम इसे इसलिए कह रहे हैं ताकि ईडी को बताया जा सके कि वह इन या अन्य आधारों पर अपने अधिकार क्षेत्र को बदल नहीं सकता है और न ही छोड़ सकता है।
ईडी निदेशक से की जांच के लिए कहा
उन्होंने ईडी निदेशक से कहा कि इस सबको देखते हुए हम आरोपों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए आग्रह करते हैं। इस पत्र में दावा किया गया है कि पिछले तीन महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र में अदाणी समूह के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध कराए गए हैं। बावजूद इसके प्रवर्तन निदेशालय ने अभी तक इन गंभीर आरोपों की प्रारंभिक जांच भी शुरू नहीं की है।
विपक्षी नेताओं ने लगाया आरोप
विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी के माध्यम से स्टॉक-कीमत में हेरफेर, और एकल कॉर्पोरेट समूह को लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग/एकाधिकार के गंभीर और दूरगामी आरोप शामिल हैं। पत्र में, नेताओं ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह की कंपनियों पर “कृत्रिम रूप से स्टॉक वैल्यूएशन को बढ़ाने का भी आरोप है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश मे शेयर किया पत्र
इस पत्र को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर भी शेयर किया है। साथ ही उन्होंने लिखा कि 16 विपक्षी दलों के नेता और सांसद, जोकि अदाणी मामले की जांच की मांग करते हुए एक शिकायत पत्र ईडी को सौंपने जा रहे थे, उन्हें दोपहर में ईडी कार्यालय पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया।
इन पार्टियों के नेताओं के हैं हस्ताक्षर
ईडी के निदेशक एस के मिश्रा को लिखे गए पत्र में पार्टियों ने जांच एजेंसी से कहा कि वह अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती है। इस पत्र पर कांग्रेस, भाकपा, माकपा, जदयू, एसएस (यूबीटी), राजद, द्रमुक, झामुमो, आप, आईयूएमएल, वीसीके, केरल कांग्रेस और अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं।
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जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष
बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल अदाणी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहे हैं। मौजूदा बजट सत्र में भी विपक्षी दल अदाणी मामले पर मुखर हैं। वहीं सत्ता पक्ष लंदन में दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा है। जिसके चलते संसद नहीं चल पा रही है। कांग्रेस अदाणी मामले पर खासी सक्रिय होकर विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटी है और देशभर में प्रदर्शन कर रही है। विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस कमेटी अदाणी मामले पर विरोध मार्च निकाल रही हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी सदन में लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।