अडानी के मुद्दे पर लगातार तीसरे दिन संसद के दोनों सदनों का काम काज ठप्प रहा। विपक्ष JPC की मांग और सदन में चर्चा की मांग पर अड़ा रहा। जबकि सत्ता पक्ष पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चाह रहा है। नतीजन पूरे विपक्ष ने सदन के अंदर तो हंगामा किया ही। संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्टैच्यू के सामने भी सामूहिक प्रदर्शन किया। वही कांग्रेस इस लड़ाई को संसद के भीतर और बाहर दोनों लड़ रही है। पार्टी आज देश भर में LIC और SBI दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रही है।
अडानी के मुद्दे पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मोदी सरकार के लिए गले की फांस बनती जा रही है। बजट सत्र में का एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन अभी तक बजट पेश होने के सिवा कुछ नहीं हो सका है। संपूर्ण विपक्ष अदाणी के मुद्दे पर सरकार को चौतरफा घेरे हुए है। आज भी जैसे ही सदन की करवाई शुरू हुई दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ जिसके बाद सदन स्थगित करना पड़ा। इस से पहले सुबह नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कमरे सामूहिक रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों के फ्लोर मैनेजर की बैठक हुई।जिसके बाद पूरे विपक्ष ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। विपक्ष की मांग है की मामले की गंभीरता को देखते हुए सदन का सारा काम रोक कर अडानी मुद्दे पर चर्चा हो। प्रधानमंत्री उसका जवाब दें। JPC का गठन हो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा क्या वजह है की सभापति विपक्ष के हर नोटिस को रोज अस्वीकार कर देता है। ये निराशजनक है। वही कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया की सरकार चर्चा से भाग रही है। जबकि विपक्ष सदन में सकारात्मक चर्चा चाहता है।
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कांग्रेस पार्टी ने अडानी के मुद्दे को देश व्यापी बनाने के लिए दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। एक और जहां वो संसद के अंदर समान विचारधारा वाली विपक्षी दलों के साथ सरकार को संसद में गिरने का काम कर रही है वही देश भर में आज एलआईसी और एसबीआई के दफ्तर के बाहर धरना और प्रदर्शन कर अडानी के मुद्दे को और व्यापक बनाने का प्रयास कर रही है। पार्टी का मानना है की ऐसा कोई घर नही जिसने LIC में निवेश न किया हो। ऐसे में पार्टी को इसका पॉलिटिकल डिविडेंड मिलने की पूरी उम्मीद है।