बीबीसी के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केन्द्रित डॉक्यूमेंटरी, जिस प्रकार की दुर्भावना और पक्षपात को केंद्र मे रखकर बनाई गयी है, उससे यह साफ नजर आता है कि भारत के प्रति उनकी सोच अच्छी नहीं है | विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की जनता की आवाज को दरकिनार कर, भारत के सर्वोच न्यायालय के फैसले को ताक पर रखकर जिस प्रकार से अपनी तुच्छ सोच को प्रकट किया है वो अत्यंत निंदनीय है। ऐसा नहीं है कि बीबीसी ने ऐसा पक्षपाती और संकीर्ण मानसिकता को पहली बार प्रदर्शित किया हो; करोना के समय भी उसने सरकार के द्वारा लागू किए गए लॉक डाउन के निर्णय पर अपनी बेशर्मी भरी टिप्पणिया प्रस्तुत की थीं। इन्हें भारत मे सिर्फ मरे लोग और लाशें ही दिख रही थी, देश के लोगों का लॉक डाउन के प्रति सजकता और सरकार के प्रति सहयोग की भावना इन्हे कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रही थी। इसके उलट पश्चिमी देशों मे मचे हाहाकार और मौतों की ओर इनकी एक बार भी दृष्टि ही नही गयी।
बीबीसी की इस डॉक्यूमेंटरी पर स्वयं ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ने अपनी असहमति जतायी | इसके साथ ही वहाँ के एक सांसद ने तो इस मीडिया संस्थान के काम पर अपनी आपत्ति जताते हुये कहा कि बीबीसी ने अपनी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से लोकतांत्रिक रूप निर्वाचित भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय न्याय व्यवस्था का अपमान किया है |