बढ़ रही पति-पत्नि के बीच आपराधिक घटनाएं, अनबन है आपस में तो मनोवैज्ञानिक की सलाह जरूर लें
लखनऊ। पति-पत्नी के बीच नोंक-झोंक का नाता काफी पुराना है लेकिन समय के साथ आए बदलावों ने इसको हिंसक रूप दे दिया है। आए दिन इस तरह की घटनाएं, घरेलू कलह की खबरें आ रही हैं जो समाज के लिये हितकारी नहीं है। इसपर विराम लगाने की कई संस्थाओं की ओर से कोशिशें भी की जाती है लेकिन उसके बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है। समाजसेवियों की मानें तो इस तरह की घटनाएं सुनकर और पढ़कर काफी हैरानी होती है। समाजसेवी संज्ञा, रिद्धि किशोर गौड़ की मानें तो प्यार के बंधनों से बंधने वाले संबंध में हिंसा नाम की चीज होनी ही नहीं चाहिये।
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले आगरा से यह खबर आई थी कि पति ने अपनी पत्नी को प्रेमी संग आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ने के बाद उनकी थप्पड़ और चप्पल से जमकर पिटाई कर दी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में पहले पति ने महिला को थप्पड़ से पीटा। उसके बाद चप्पल से जमकर पिटाई की। बताया जा रहा है कि उसने एक मिनट में अपनी पत्नी को 31 से ज्यादा चप्पलें जड़ीं। यही नहीं बांदा में पिछले दिनों पत्नी पर शक होने पर पति ने उसकी गरदन काट दी और उसकी कटी गर्दन को लेकर थाने पहुंच गया। बबेरू कस्बे में नौ अक्टूबर को सुबह अवैध संबंध को लेकर एक शख्स का अपनी पत्नी के साथ झगड़ा हुआ। झगड़े के बाद पति ने पत्नी की धारदार हथियार से हत्या कर दी और उसका सिर काट दिया। इसके बाद पति कटा सिर लेकर कोतवाली पहुंचा और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस तरह के बढ़ते अपराधों के पीछे विशेषज्ञों ने कहा कि पति और पत्नी के बीच होने वाले इस तरह की झगड़ों में आदमी और औरत दोनों को धैर्य बरतने की आवश्यकता है।
बता दें कि पति पत्नि के बीच अगर किसी तरह की अनबन या विवाद है तो इसके लिये सबसे पहले दोनों को किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह जरूर लेनी चाहिये। आज की व्यस्तम जिंदगी में पति और पत्नि दोनो एक दूसरे के साथ प्रेम से रहें इसके लिये वह आपकी मानसिक स्थिति को समझ कर उसके अनुरूप सलाह दे सकते हैं। उनके सुझावों पर, काउंसलिंग से आपका जीवन बेहतर हो सकता है। आज कल दम्पति झुकने को तैयार नहीं होते। बात अलीगढ़ की करें तो पिछले साल पांच सौ दम्पति ही गिले शिकवे दूर कर फिर से एक साथ जीवन जीने के लिये सहमत हुए। जबकि हजारों में ऐसे मामले आ रहे हैं। पिछले साल अलीगढ़ में 1300 मामले आए थे।
मतभेद से बढ़ती जाती दूरियां
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि दांपत्य जीवन में पति-पत्नी के बीच मतभेद से मनभेद हो जाता है, जिससे दोनों के बीच दूरियां पैदा हो जाती हैं। ऐसे में अगर परिवार परामर्श केंद्र व मीडिएटर सेंटर के माध्यम से दोनों के बीच समय से काउंसलिंग करा दी जाती है तो दोनों फिर से साथ-साथ जीवन जीने को तैयार हो जाते हैं। मोबाइल के युग में पति-पत्नी के बीच संवाद न होने से मतभेद से मनभेद हो जाता है। तलाक की तहलीज पर पहुंचे पति-पत्नी को अचानक एहसास होता है कि अलगाव से कोई फायदा नहीं, इसलिए वे एक बार फिर वैवाहिक संबंध पुनस्र्थापना के लिए सहमत हो जाते हैं, जो अच्छी पहल है।