16 दिसंबर 1971 यह वो तारीख है जिस दिन भारत ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई थी। जिसके बाद से आज का दिन हर साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि दी। तो वहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस पर बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए 1971 के युद्ध को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘विजय दिवस पर, मैं उन सभी बहादुर सशस्त्र बलों के कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध में भारत की एक असाधारण जीत सुनिश्चित की। देश को सुरक्षित रखने में सशस्त्र बलों की भूमिका के लिए देश उनका ऋणी रहेगा।’ वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजय दिवस 2022 के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्र की सेवा में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘विजय दिवस पर, मैं अपने सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को याद करने के लिए राष्ट्र में शामिल हो गया, जिसने 1971 के युद्ध में हमारी जीत का नेतृत्व किया। मैं उन शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने हमारे देश की सेवा में अपनी जान गंवाई।’
CDS जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। तो वहीं, तवांग में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प पर बोलते हुए पूर्वी सेना कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कहा, ‘PLA ने LAC को पार किया, विरोध में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं। इसका स्थानीय स्तर पर समाधान हुआ। इसे लेकर बुमला में एक फ्लैग भी मीटिंग हुई, हम स्थिति पर नियंत्रण में हैं।’
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लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कहा कि सैन्य पुरुषों के रूप में हम हमेशा अपने देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। शांति हो या संघर्ष, प्राथमिक कार्य बाहरी या आंतरिक खतरे के खिलाफ देश की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करना है। हम सभी परिस्थितियों और आकस्मिकताओं के लिए तैयार।