भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक जवाब मांगा है. अखिलेश यादव ने चुनाव में हार के बाद हर विधानसभा सीट से यादव और मुस्लिम समुदाय के 20- 20 हजार वोट काटने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही चुनाव आयोग पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप था.
शिकायत करने वालों से मांगा शपथ पत्र
इसी मामले में चुनाव आयोग ने सबूत पेश करने को कहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव अयोग को कड़ा जवाब देने की तैयारी में हैं. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की तरफ से पार्टी के सभी विधायक, विधानसभा प्रत्याशी, जिला- महानगर अध्यक्ष एवं प्रमुख पदाधिकारियों को पत्र भेजा है. सपा ने पत्र के माध्यम से “मतदाता सूची में दर्ज नाम और मतदाता सूची से काटे गए नाम दोनों के मतदाता सूची के पेज एकत्रित कर, गलत ढंग से जिसका नाम काटा गया है, उस व्यक्ति का शपथ पत्र मांगा है.
3 नवंबर तक सपा कार्यालय में करने होंगे जमा
मतदाता सूची से नाम काटने की शिकायत की छाया प्रति तथा मतदाता सूची दस्तावेज सबूत सहित 03 नवंबर 2022 तक हर हाल में अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में जमा करने को कहा है. सपा के पत्र में बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 15 जनवरी 2021 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ था. 16 जनवरी 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक लगातार नाम काटे और जोड़े गए थे. यह सभी मिलाकर 1 नवंबर को 2021 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किया गया.
नाम गलत ढंग से काटने का लगा आरोप
निर्वाचन आयोग द्वारा 1 नवंबर 2021 से 5 दिसंबर 2021 तक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान चलाया गया था. इस पुनरीक्षण अभियान के बाद 5 जनवरी 2022 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ. 5 जनवरी 2022 को प्रकाशित मतदाता सूची में जो नाम गलत ढंग से काटे गए तथा 05 जनवरी 2022 को मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद 8 जनवरी 2022 को चुनाव की घोषणा हुई थी. 5 जनवरी 2022 से 8 जनवरी 2022 तक की पूरक सूची- 2 में उसका नाम गलत ढंग से काट दिया गया.
सबूतों की तलाश में जुटे सपाई
मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी की मतदाता सूची में नाम कटे हुए थे, जबकि प्रत्याशियों को दी गई मतदाता सूची में उसका नाम दर्ज था.सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार मतदाता सूची से गलत ढंग से नामों की सूची, शपथ पत्र दस्तावेज और सबूत की मांग की गई है.जिससे चुनाव आयोग को 10 नवंबर से पहले ही जवाब दाखिल किया जा सके.प्रदेश कार्यालय से पत्र आने के बाद सपाई सबूतों की तलाश में जुट गए हैं.