उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई है। जालौन के पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। खाबरी 2016 तक बसपा में थे। 1999 में बसपा के टिकट पर ही खाबरी सांसद बने थे। अध्यक्ष के साथ ही कांग्रेस ने छह प्रांतीय अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है। प्रांतीय अध्यक्ष पद पर अजय राय, नसीमुद्दीन सिद्धीकी, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव और योगेश दिक्षित नियुक्त किए गए हैं।
कौन हैं बृजलाल खाबरी?
खाबरी 2016 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें संगठन का पुराना अनुभव है। वह बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर भी रह चुके हैं। वह जालौन-गरौठा से सांसद भी रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने राज्यसभा सदस्य की जिम्मेदारी भी निभाई है।
जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश
प्रदेश अध्यक्ष खाबरी दलित समाज से आते हैं। वहीं, प्रांतीय अध्यक्षों में दो ब्राह्मण, एक मुस्लिम, एक भूमिहार और पिछड़ी जाति से दो प्रांतीय अध्यक्ष बनाए हैं। इसके अलावा, उनके कार्यक्षेत्रों का भी जातीय आधार पर विभाजन किया गया है।
प्रांतीय अध्यक्षों में पांच महीने पहले आए नकुल दुबे भी
पार्टी ने पांच महीने पहले पार्टी में बसपा से कांग्रेस में आए नकुल दुबे को भी पार्टी प्रांतीय अध्यक्ष बनाया है। दुबे 2022 के विधानसभा चुनाव तक बसपा के बड़े ब्राह्मण चेहरों में शामिल थे। चुनाव में हार के बाद मायावती ने नकुल दुबे को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। पार्टी से बाहर निकाले जाने के एक महीने बाद 26 मई को दुबे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पार्टी में शामिल होने के पांच महीने बाद उन्हें कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है।
पार्टी के दो विधायकों में से एक को मिला पद
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के दो विधायकों में से एक वीरेंद्र चौधरी को प्रांतीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। चौधरी 2022 विधानसभा चुनाव में फरेंदा विधानसभा सीट से जीते थे। चौधरी पाचंवी बार फरेंदा विधानसभा से चुनावी मैदान में थे। पिछले लगातार चार बार वीरेंद्र को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। वीरेंद्र चौधरी तीन बार बसपा और दो बार कांग्रेस से चुनाव लड़े चुके हैं।
41 साल के शख्स को 142 साल की जेल, केरल की अदालत ने इस अपराध में सुनाई यह सजा
बाहरियों की बहार
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की नई टीम में बाहर से आए नेताओं की बहार है। खुद प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी 2016 तक बसपा में थे। 1999 में बसपा के टिकट पर ही जालौन से सांसद बने थे। इसके बाद 2004 और 2014 में भी खाबरी बसपा के टिकट पर जालौन से लोकसभा चुनाव लड़े थे। नकुल दुबे पांच महीने पहले तक बसपा में थे। वहीं, नसीमुद्दीन सिद्धीकी भी 2020 तक बसपा में थे। वीरेंद्र चौधरी भी 2012 तक फरेंदा से तीन बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वहीं, अजय राय ने भी अपनी राजनीतिक पारी भाजपा से की थी और सपा से होते हुए 2010 में कांग्रेस में आए थे।