यूपी की योगी सरकार ने जल्द ही प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों एक खास सर्वे कराने जा रहा है. इस सर्वे की खबर से राजनीतिक भूचाल आ गया है. यूपी सरकार मदरसों से उनके कागज मांग रही है और विपक्ष कागज नहीं दिखाएंगे, का राग अलाप रहा है. मदरसों के सर्वे को कुछ नेता इसे मिनी NRC कह रहे हैं, तो कुछ इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन बता रहे हैं. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है.
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन व अतंकित करने (Muslim teasing) का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय. उन्होंने आगे कहा कि इसी क्रम में अब यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नजर है. मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.
कांग्रेस ने मुकुल वासनिक को MP प्रभारी पद से हटाया, दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी!
दरअसल, यूपी में मस्जिदों को सर्वे की को लेकर हाल ही में एक बैठक हुई थी, जिसमें मदरसों का सर्वे 5 अक्टूबर तक कराने के निर्देश दिए थे. इसकी रिपोर्ट शासन को 25 अक्टूबर तक भेजनी है. यूपी सरकार का कहना है कि इस सर्वे के माध्यम से, वो मदरसों के उत्थान की योजना बनाना चाहती है. लेकिन असम में अवैध मदरसों पर जिस तरह की कार्रवाई हो रही है, उसे देखते हुए एक खास वर्ग में डर का माहौल है. दरअसल इस सर्वे में कई ऐसे सवाल पूछे जाएंगे, जिसके जवाब इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों ने अभी तक नहीं दिए थे. आइए आपको वो FORM बताते हैं, जिसमें मदरसों से 11 सवाल पूछे गए हैं. इन सवालों से पता चलता है कि आखिर योगी सरकार, प्रदेश के इन मदरसों के बारे में क्या जानना चाहती है.