देश में फैला कोरोना वायरस महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्ष की भूमिका निभाने वाले भाजपा के बीच राजनीतिक युद्ध की वजह बनता जा रहा है। यह युद्ध कोरोना काल में मंदिर न खोले जाने को लेकर शुरू हुआ है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा ने मंदिर को खुलवाने के लिए आन्दोलन की नींव रख दी है। भाजपा का आरोप है कि सूबे में रेस्टोरेंट, बार, मॉल सभी खुले हैं, फिर मंदिर क्यों बंद रखा गया हैं। इस बाबत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर जवाब मांगा है।

दरअसल, राज्य में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने दुकानों से लेकर मंदिर तक सभी कुछ बंद करने का आदेश सुनाया था। अब जैसे जैसे आम जिन्दगी पटरी पर लौट रही है तो सरकार के आदेश पर बार, मॉल, रेस्टोरेंट खोल दिए गए हैं। हालांकि सरकार ने अभी भी मंदिरों को खोलने का आदेश नहीं सुनाया है। इसी को लेकर भाजपा ने मुहीम छेड़ दी है।
राज्यपाल ने अपने चिट्ठी में उद्धव ठाकरे से पूछा है कि 1 जून को आपने अपने टेलीविजन संबोधन में कहा था कि जून महीने के पहले हफ्ते से राज्य में ‘मिशन बिगिन अगेन’ ‘पुनश्च हरिओम’ शुरू किया जा रहा है। लंबे समय से लॉकडाउन का सामना कर रहे लोगों को आपके शब्दों से काफी उम्मीद जगी थी। ये विडंबना है कि एक तरफ राज्य सरकार ने बार, रेस्टोरेंट्स और बीच को खोलने की अनुमति दी है। वहीं दूसरी तरफ हमारे देवी, देवताओं को अभी तक लॉकडाउन की स्थिति में रखा गया है।
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राज्यपाल ने लिखा कि आप हिंदुत्व के एक मजबूत पैरोकार हैं। मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद आप अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति का सार्वजनिक प्रदर्शन कर चुके हैं। आप पंढरपुर में विट्ठल रुकमणि मंदिर की यात्रा कर चुके हैं और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा अर्चना कर चुके हैं।
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