दिल्ली में आबकारी नीति पर मचे घमासान के बीच एलजी विनय कुमार सक्सेना ने बड़ी कार्रवाई की है। एली ने शनिवार को तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। ये कार्रवाई डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सामने आई है, जिसमें उन्होंने सीबीआई को चिट्ठी लिखने की बात कही। सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनाधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया और कहा कि इस कारण दिल्ली सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति को लागू करने में चूक का हवाला देते हुए पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा और उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी सहित दिल्ली के 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। एलजी दफ्तर के सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के कार्यान्वयन में संबंधित अधिकारियों की ओर से की गई कथित गंभीर चूक को देखते हुए यह निर्णय लिया है, जिसमें ‘टेंडर को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट-टेंडर लाभ प्रदान करना शामिल है।
पहले ही कर चुके हैं सीबीआई जांच की सिफारिश
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने पहले ही आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। दरअसल, 17 नवंबर 2021 को लागू की गई नई आबकारी नीति के तहत 849 शराब की दुकानों के लिए निजी फर्मों को खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे। इस नीति पर घमासान के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
इसके पहले, मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर गंभीर आरोप लगाए। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी सीबीआई को भेज दी है। वहीं, सिसोदिया के आरोपों पर पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि तत्कालीन एलजी के बदले रुख के कारण अनाधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं और इस वजह से करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ।