1,034 करोड़ रुपयों के पत्रा चाल घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद संजय राउत को 4 अगस्त तक के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया। वैसे, ईडी ने 8 दिनों की रिमांड मांगी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार देर रात संजय राउत को गिरफ्तार किया था। राउत के वकील के उनके दिल के मरीज होने की बात कही, जिस पर अदालत ने ED को संजय राउत से रात के 10 बजे तक ही पूछताछ करने का निर्देश दिया।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तंस कसा है। बकौल राउत, भोंपू तो अंदर गया। रोज सुबह बजने वाला भोंपू बंद हो गया। जो जैसा करेगा, वैसे भरेगा।
बता दें, संजय राउत पर यह कार्रवाई 1,034 करोड़ रुपयों के पत्रा चाल घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस के सिलसिले में हुई है। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले पर सुनवाई करने वाला है। अधिकारियों के मुताबिक वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। गिरफ्तारी से पहले दिन में राउत ने कहा था कि उनका किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। मैं मर जाऊंगा, लेकिन शिवसेना नहीं छोड़ूंगा।
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मुंबई के चर्चित पत्रा चाल घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग के मामले में 60 वर्षीय संजय राउत से ईडी ने एक जुलाई को नौ घंटे पूछताछ की थी। उन्हें उसके बाद भी कई बार पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचने का समन दिया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। रविवार सुबह सात बजे ईडी की टीम राउत के दादर एवं भांडुप स्थित आवासों पर पहुंच गई। दोनों घरों की तलाशी के साथ-साथ ईडी अधिकारियों ने दादर स्थित घर पर संजय राउत से पूछताछ भी शुरू कर दी। करीब नौ घंटे चली छानबीन और पूछताछ के बाद ईडी अधिकारियों ने उनसे दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय चलने को कहा। राउत द्वारा इन्कार करने पर ईडी शाम करीब चार बजे उन्हें हिरासत में लेकर अपने कार्यालय ले गई, जहां उनसे देर रात तक पूछताछ की गई।