शिवसेना पर पकड़ बनाए रखने की उद्धव ठाकरे की कोशिशों को एक और बड़ा झटका लगता दिख रहा है। विधायकों के बाद अब सांसद भी बागी हो गए हैं। शिवसेना के 19 में से 12 सांसद लोकसभा स्पीकर से मिले हैं। माना जा रहा है कि इन सांसदों ने एकनाथ शिंदे गुट को मान्यता देने की मांग है। आधिकारिक जानकारी आना शेष है। इससे पहले शिवसेना के इन 12 बागी विधायकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। यह सुरक्ष दिल्ली के साथ मुंबई में भी प्रदान की जाएगी।
12 विधायकों के बागी होने की भनक लगते ही मातोश्री में हंगामा मच गया। उद्धव गुट के शेष सांसदों में से विनायक राउत, राजन विचारे, बंडू जाधव और अरविंद सावंत ने सोमवार को ही लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर खुद को असली शिवसेना संसदीय दल होने की गुहार लगा दी। पत्र में कहा गया है कि शिवसेना के धड़े के नेता विनायक राउत और मुख्य सचेतक राजन विचारे हैं। इनके अलावा अगर शिवसेना का कोई धड़ा नेता या मुख्य सचेतक के तौर पर कोई पत्र देता है तो उसे मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। अब सभी की नजर मंगलवार को होने वाली लोकसभा की कार्रवाई पर है। क्या लोकसभा स्पीकर इस मामले में कोई बड़ा फैसला लेंगे?
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इससे पहले मुंबई में सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कार्यकारिणी की घोषणा की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान के तुरंत बाद विधान भवन के पास स्थित एक पांच सितारा होटल में अपने गुट के विधायकों और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर शिवसेना की पुरानी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कार्यकारिणी की घोषणा की। नई कार्यकारिणी में उनके गुट में पहले से शामिल गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंखे, यशवंत जाधव, तानाजी सावंत, विजय नाहटा और शिवाजीराव अदलराव पाटिल जैसे विधायकों और नेताओं को शामिल किया गया है। नई कार्यकारिणी घोषित करते हुए शिंदे ने उद्धव ठाकरे के ‘शिवसेना प्रमुख’ के पद को छुआ तक नहीं।