ब्लैक लिस्टेड कंपनी को लाभ देने में लगे अधिकारी, मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री से की शिकायत
लखनऊ। संपूर्ण भारत वर्ष में महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन जिसका उद्देश्य हर घर में नल और नल से जल जय कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। दूसरी तरफ जल निगम के कुछ आला अधिकारी कुछ ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को पुनः चयनित कर इस मिशन पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं। इसकी शिकायत दो दशक से जल संरक्षण पर कार्य कर रहे सोशल एक्टिविस्ट रिद्धि गौड़ ने मुख्यमंत्री एवं माननीय नगर विकास मंत्री से पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने बताया जल निगम के मुख्य अभियंता ने दिनांक 16-8- 2019 को विस्तारित निर्देश के द्वारा पूर्ण राज्य में विभिन्न जल कार्यों में प्रयुक्त होने वाले उत्पादों के निर्माताओं का चयन हेतु नीति की घोषणा की थी। इस कार्य का प्रभार उत्तर प्रदेश जल निगम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की निरीक्षण एजेंसी क्राउन एजेंसी नई दिल्ली को सौंपा है। कुछ अधिकारी इस नीति के अंतर्गत किए गए प्रावधानों का उल्लंघन कर कुछ ऐसे उत्पादकों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं जो गुणवत्ता में अधो मानक और असफल घोषित हो चुके हैं । लागू नीति के अधीन क्राउन एजेंसी ने रश्मि मैटेलिक्स लिमिटेड का निरीक्षण किया और मापदंडों एवं उत्पादन क्षमता मानकों पर असमर्थ एवं असफल पाया इसकी रिपोर्ट 11-6-2020 को मुख्य अभियंता को दी गई ।
इसके बाद मुख्य अभियंता क्रय ने 28-8-2020 को कड़े निर्देश जारी करते हुए संपूर्ण प्रदेश में इस निर्माता के उत्पाद को पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया । क्राउन एजेंसी द्वारा मानक में नहीं खरे उतरने पर उत्तर प्रदेश के साथ साथ मध्य प्रदेश ,झारखंड ,उड़ीसा आदि राज्यों ने भी जल मिशन की गंभीरता को देखते हुए इसके उत्पादकों पर रोक लगा दी । जल निगम मुख्य अभियंता द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट लिखा है कि क्राउन एजेंसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा एक बार ही कंपनी का निरीक्षण करने का नियम है दोबारा निरीक्षण की व्यवस्था नहीं हो सकती है। इसके बाद कुछ उच्च अधिकारियों द्वारा अधो मानक और असफल घोषित की गई कंपनी के उत्पादों का पुनः निरीक्षण करने का आदेश 18-9-2020 को पारित किया गया ।
चौंकाने वाली बात यह है कि भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं मौसम विभाग ने भी जनवरी 2020 में भी इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया है । इसके साथ-साथ केंद्र सरकार का राजस्व अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भी साढ़े चार करोड़ की कस्टम ड्यूटी चोरी में नवंबर 2019 में मामला दर्ज किया था और इस कंपनी की सीबीआई इन्वेस्टिगेशन भी चल रही है । अधिकारियों द्वारा नीति और निर्देश में फेरबदल करने के कारण जल है तो कल है और जल मिशन के अभियान को ग्रहण लगाने का कार्य किया जा रहा है । इसके पीछे संभवत भ्रष्टाचार भी छुपा हो सकता है।