जम्मू-कश्मीर की सीएम रह चुकीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडित की हत्या पर शोक जताया। महबूबा ने ट्वीट कर कहा, “एक और जिंदगी खत्म हो गई, और एक और परिवार तबाह हो गया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार के साथ है।” इसके बाद महबूबा ने दावा किया कि, वह पीडि़त कश्मीरी पंडितों के बीच बडगाम जाने वाली थीं, लेकिन उन्हें श्रीनगर स्थित आवास पर ही नजर बंद कर दिया गया।

यानी महबूबा की मानें तो उन्हें अपना आवास छोड़ने की अनुमति नहीं थी। महबूबा का कहना है कि, “उन्हें नजरबंद कर दिया गया है, क्योंकि कश्मीरी मुसलमान और पंडित एक-दूसरे के दर्द के प्रति सहानुभूति रखते हैं।” इससे पहले गुरुवार को, मुफ्ती ने बडगाम के सरकारी दफ्तर में मारे गए कश्मीरी पंडित की हत्या की निंदा की और कहा, “एक और जीवन समाप्त हो गया और एक और परिवार तबाह हो गया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार के साथ है।”
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महबूबा बोलीं, ”कश्मीर में एक और हमला यह उजागर करता है कि, कश्मीर में शांति स्थापित करने की बातें झूठी हैं।’ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, मैं कश्मीरी पंडितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बडगाम जाना चाहती थी, लेकिन मुझे मेरे आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया है। कश्मीर संकट से गुजर रहा है। यह हालत कश्मीर में केंद्र सरकार के सामान्य स्थिति के झूठे दावों को भी खारिज करते हैं।
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