नयी दिल्ली: हैदराबाद के सांसद एवं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को पुलिस ने जहांगीरपुरी जाने से कथित तौर पर रोक दिया, जहां बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कई अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कुछ घंटों के भीतर ही इस कार्रवाई पर रोक लगा दी। ओवैसी हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। हालांकि बाद में उनकी पार्टी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया कि ओवैसी जहांगीरपुरी पहुंच गए हैं जहां ‘गरीब मुसलमानों के घर’ अवैध रूप से गिरा दिए गए थे।
‘AAP इन्हें बांग्लादेशी और रोहिंग्या कह रही है’
बता दें कि जहांगीरपुरी में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। ओवैसी ने जहांगीरपुरी पहुंचने पर इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा शुरू किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘आम आदमी पार्टी कह रही है कि वे रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं।’ उन्होंने नगर निगम के इस अभियान को ‘बिना विधिक प्राधिकार के कानून लागू करने’ का उदाहरण करार दिया और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की।
‘बिना इजाजत के कैसे निकली शोभायात्रा?’
ओवैसी ने कहा, ‘बीजेपी के एक नेता ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर का इस्तेमाल करने के लिए पत्र लिखा और मेयर ने कहा कि वे अपराधी हैं और उनके घरों को ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए।’ AIMIM सुप्रीमो ने यह भी जानना चाहा कि पुलिस की अनुमति के बिना हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी में शोभायात्रा कैसे निकाली जा सकती है। इससे पहले ओवैसी ने इसे तुर्कमान गेट 2022 करार दिया था। बता दें कि NDMC के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जहांगीरपुरी में बुधवार को बुलडोजर ने कई ढांचों को तोड़ दिया। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ ही घंटों के भीतर इस अभियान को रोक दिया गया।